गायत्री मंत्र व उसका अर्थ उध्देशित करें आप क्या सोचते हैं गायत्री मंत्र के विषय में.. ब्रह्मदत्त
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्। भावार्थ:- उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।
ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़