दुनिया तेरी रीत निराली
चेहरे पर चढ़ा झूठे मुखौटे
जी रही यहां दुनिया सारी।।
दुनिया तेरी रीत निराली!
भावों का यहां मोल नहीं
दिखावों में बीत रही है जिंदगानी।
दुनिया तेरी रीत निराली!
ईमानदारी को दिखा के ठेंगा
जीत रही है यहां मक्कारी।
दुनिया तेरी रीत निराली!
सरोज ✍️