बहना तेरे प्यार का कोई हिसाब नहीं। तु डाँटे मैं चुपचाप रह जाऊँ, इसका जबाब नहीं।मैं चोटी खिंचू, तु मार मार भगायें। ठोकर खाकर मैं गिर जाऊँ। तु मुझको गोद में उठायें। तु तो अपनी माँ जैसी, हर हाल में मुस्कुरायें। कोई भी संकट की आँच आने न पाये।
@सुर्यांश_M10/20