खुद से ही लडाई कली है हमने;
प्यार है हमारे बीच
फिर जुदाई क्यू है?
नही मिलना किस्मत मै;
तो ऐ दिल मे तडप क्यू है?
ना है जुदा एक-दुसरे से;
फिर खुदा मिलवाता क्यू नही है?
प्यार पुरा हो जायेगा;
इश्क फिर अधूरा क्यू है?
है जींदगी रोशन उजालो से;
फिर ऐ अँधेरा क्यू है?
होता है इन्साफ यहाँ;
फिर नाइंसाफ़ी क्यू है?
है नही मोहब्बत की अदालत;
फिर वकालत करता क्यू है?
तू है दिल का न्यायधीश;
फिर सही फैसला क्यू नही है?