तेरा प्यार ऐसा है जैसे,
तपती धूप में, जैसे किसी पेड़ की छांव
ठंड रातों में, जैसे कोई गरम रजाई
बरसती बारीश में, जैसे कोई छाता
तेरे प्यार के बिना जिना जैसे,
बिना धड़कन के सांस का चलना
बिना रुह के शरीर का होना
तु अगर मेरे साथ नहीं तो,
रातों में भी कोई ख्वाब नहीं
दिन में भी उजाला नहीं
तु पास नहीं तो मुझे जीने की कोई आस नहीं...