चेहरे कुछ रंगों से विपरीत ; चेहरे कुछ मन के ना मीत ,
दिखा तो दो हमें उनका वो रूप ; अचल चंचल स्वरूप
समझ जाएँगे हम उनके मन का विचार ; संगठित उनका व्यवहार
वस्त्र ओढ़ लेने से न छुपा पाओगे तुम उन्हें यहाँ
पारदर्शी हैं हम , भार उनका आकार उनका, सिमिट जाएँगे यहाँ !