कदमों की आहट बता रही है की तू।
पर मोत आके खडी है..
तू होता तो सच मै तो मोत को दो पल रोक लेती।
बस वो मेरा भ्रम था की तू..
मोत आके खडी है..
अब सांस टूटती चली है।
मोत आके खडी है..
तेरे साथ छोड़ ने की घडी है
तेरे हाथ से हाथ छूट ने लगी है
मोत आके खडी है..
अब तूझे एक देखने की आस दिल मे पली है
मेरी सांस टूटती चली है।
मोत आके खडी है..
तेरे साथ जीने की तमन्ना अभी है
एक लम्हा बिताने की तलप लगी है
मोत आके खडी है..
मोत को कैहे नही सकती रुक
उसे तो मुझे ले जाने की पडी है।
मोत आके खडी है..