सागर किनारे रेत की सेज पर
मेरी गोद का बना सिरहाना
तुम्हारे उलझे भीगे बालों को
अपनी उंगलियों से सुलझा दूँ
चलो आज बीते मोहब्बत का
गीत हम साथ साथ गुनगुनाते है।
गुजरा बिता यादों का कारवां
समय की राह में रीत गया दामन
अहम वहम से हमारा उजड़ा चमन
कहीं से ढूंढ लाते हैं प्यारा सावन
चलो आज बीते मोहब्बत का
गीत हम साथ-साथ गुनगुनाते हैं।
मेरी एक झलक पाने के लिए
तुम्हारा घंटो इन्तजार तड़पना
कानों में धीरे से तेरा बुदबुदाना
चुपके आंखों से निहार मुझे गुदगुदाना
चलो आज बीते मोहब्बत का
गीत हम साथ-साथ गुनगुनाते हैं।
इंद्रधनुषी फैला नीला अंबर
दौड़ हवाएं ले पहाड़ का आलिंगन
नदियों का कल-कल बने साज
पेड़ झूमे, लता चूमे, खुले सब राज
चलो आज बीते मोहब्बत का
गीत हम साथ-साथ गुनगुनाते हैं।