बेदाग है दिल , नजरों की पहेचान चाहिए,
हसीन हुश्न है, फूलों की नजाकत चाहिए ;
मिले हर सुबह , सुनहरी किरणें खुरशीद से,
मिटने की फितरत , वाली शबनमी चाहिए;
गुंजते हैं भँवर, खुशमिजाज़ फूलों,पर सदा,
मौसम ए ईश्क मैं ,बसंत बहार ही चाहिए है ;
ईबादत का जुनून , तस्बीह में नाम ए वफा,
हक़ से पाना हकीकी,दिलमें,महोबत चाहिए ;