दुर तक निगाहों में , उतर आया है नूर
ज़लवा ए हुश्न, गजब छा गया है नूर
मौसम है रंगीन मिजाज़ ओर इशकाना
तरोताजा़ दिल कर, आँखें भर गया नूर
ज़ोश ओ होश भरकर, हसीन लम्हाें मे
इतमीनान , हाल दिल का कर गया नूर
ख्वाईश दिल की तमाम, पुरी हो गइ है
ख्वाबों को सुलाकर , जाग़ गया है नूर
मौज़ ए दिल , सफर सुहाना जिंदगी का
भीतर से ही रुहाना , गौहर कर गया नूर
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