तेरे मेरे दरमियाँ ,लफ्ज फकत क्या जरिया
कहीं बात कहीं जजबात ,क्या है नजरिया?
रुहाना कुछ बेसमजी ,ना पाया साहिल कही
शून्य का शहर ,मेरा फकत शून्य नजरिया
शुक्र गुजार हुं ,कुछ अहेसास महेफुस दिल में
नमस्ते आप दोस्ताना , दोस्ताना नजरिया
रुखसत का अंदाज क्यु, बेअंदाज हयाति मे
प्यार ही पयार जिंदगी महोबत ही नजरिया
सुकुन ओ शोहरत मिले ,दिलरुबाना दोस्ताना
इक लहद सा कोइ ,रुह में रुहानियत नजरिया
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