वोह ना मिल सके, बंद दरवाजों में,
खोल कर मन देख ले, खुली हवा में;
परदादारी का हुनर , पाल लिया जब,
नकाब उठाकर , देखले खुली हवा में;
मौज है उनकी, रहेनुमाइ में गजब की,
दिल ए नूर नज़र देखले, खुली हवा में;
खुशखबरी है, हाल ए दिल कुर्बानी मैं,
गर्दन झुकाए देख रुहानी,खुली हवा में;
मस्त फरिस्तानी लिबास है, रूहानियत,
आनंद हुश्न होनहार यहां, खुली हवा में;