Hindi Quote in Poem by Sarvesh Saxena

Poem quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

आज शहीद भगत सिंह की 112 वी जयंती पर उनको समर्पित एक मेरे द्वारा लिखा गया गीत जो उनके और उनकी मां के बीच में हुए संवाद को प्रस्तुत करता है जो कुछ ऐसा ही रहा होगा ऐसी कल्पना मैं करता हूं |


कह कर आया था मै माँ से,
अब लौट के घर ना आऊंगा...
राह न ताकना तुम मेरी,
मै तुमसे न मिल पाऊंगा,
आये जो मेरी खबर कोई,
तो रोकना अपने आंसू को,
देश की खातिर अब अपनी,
जान मै देकर जाऊँगा....
कह कर आया था मै माँ से,
अब लौट के घर ना आऊंगा...

मालूम है ये की मुझको तुम,
कुछ भी नहीं कह पाओगी,
बस खड़ी रहोगी एक जगह,
और आंसू कितने बहाओगी,
माफ़ करो माँ मुझको मै,
तेरे कर्जों को ना चूका पाया,
पास रहूँगा अब के मै तेरे,
धरती पे यदि आऊंगा......
कह कर आया था मै माँ से,
अब लौट के घर ना आऊंगा...

झट से जा एक दीप जलाना,
घर को मेरे रोशन करना,
मेरे गम में ना तुम उस दिन,
घर में कहीं अँधेरा रखना,
उस दीप को जलते देखोगी जब,
मुझको ही हँसता पाओगी,
बस इतना करना मेरी माँ,
उस दीप को तुम जलता रखना,
कह कर आया था मै माँ से,
अब मेरी ना चिंता करना ....

कह कर आया था मै माँ से,
अब लौट के घर ना आऊंगा...

?? जै हिन्द ??
? जै श्री राम ?

Hindi Poem by Sarvesh Saxena : 111262668
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now