दिल जो ना कह सका
वो भी सुन लिया है मैंने
अब चल पड़ी उस राह
जो राह चुन लिया है मैंने।
राह तो चुना है मैंने
सपने भी कुछ बुना है मैंने
राह पथरीली है
कंकड़ हैं कँटीली है
मैं भी थी क्या बावली
साथ ना कुछ लिया है मैंने।।
साथ ग़र तू होता मेरे
खुशी से चलती संग मैं तेरे
अब तो हैं बस आँसू संग
और ना लिया है मैंने।।।