रात के अंधियरिया पिया
चाँदनी बा रतिया पिया
बिरह हमरो साथ में बा
औ साथ ना सँवरिया पिया।
दिन त बीत जाए कैसो
रात ना गुजरिया पिया
आँसुवन के धार बहे
कवनों ना असरिया पिया
छूटै सारी दुनिया मोसे
तू ही ना छूटइया पिया
हाथ में लकीर तोरी
फिर भी ए जुदइया पिया
मन मारी जियतानी
हम त हरजइया पिया
तू जो परदेशी भइला
हम भई जोगनिया पिया