सुन मोरे सँवरिया
ना बीते मोरी रतिया
जलि जाई ई तन
ना जले ई पिरितिया।।
रात में पपीहा बोले
दिल के सारे राज खोले
तन मोरा थर थर
काँपे सारी रतिया
जलि जाई ई तन
ना जले ई पिरितिया।।
पिया बेइमानी कइले
साथ मोरा छोड़ि दिहले
रात भर रोई रोई
थकै मोरी आँखिया
जलि जाई ई तन
ना जले ई पिरितिया।।
सुना ए सजनवाँ मोरे
जियबना एकपल बिना तोरे
बिरह के अगन से जल जात ई जवनिया
जलि जाई ई तन
ना जले ई पिरितिया।।