जीवन के पथ पर हररोज भागता रहेता हू.. l
छोटी छोटी खुशियों की क़ीमत अदा करता हू.. l
सपने सजाये है.. बहूत. इन आँखों ने..
रोज उन आँखों को. दिलासा देता हू.
. बच्चों की खुशियों की किलकारियां देखने को
पूरा दिन अपनी आँखों से ओजल रखता हु l
जरूरते की पर्ची.. जेब मे रखकर..
सारा दिन.. तलाशता रहेता हु.
बेखबर अनजान.. बच्चे भी है.
नहीं पता होता की क्या गवाकर क्या मांग रहेहे..
सांसे.. जिसने. दी है.. उसीकी सांसे मांग रहेहै I
सॉंसे चंद.. खरीदनेको....साँसो को किस्तों मे बेचता हु l
जीवन के पथ पर.. भागता रहेता हु.l