ये तो फकत एक बहाना है।
साजन से मिलने जाना है।
झुठी बाते, झुठी कहानी
याॅंद सताये,बैचन जवानी।
कैसे रोकेगीं उस मनको, जिसने तेरी एक न मानी।
जब मेरा दिल दिया है।
न एक पल सुकून पाया है।
ये रोग जिसने लगाया है,
दर्द की दवा लेने बुलाया है।
अब न मुझको रोको कोई।
सच्ची बात मैंने बतलाई।
साजनबीन एक पल न सहु।
मिलकर मीत को प्रीत निंभाऊ।