लोगो की पहुंच ओर लोगो की सोच मुझ से बहुत दूर है । ऐसा नहीं है कि मैंने कभी किसी के साथ चलने की कोशिश नहीं की , बस फासला थोड़ा दूरी का था थोड़ा मजबूरी का था । वो एक कदम भी हमारे साथ नहीं चलना चाहते थे , हमने बहुत कोशिश की फिर हमने अपने रास्ते ही अलग कर लिए । अब हम अकेले है पर हम खुश है जो भी है जैसे भी है बस अपने लिए सही है आज ।