आधे रास्ते से लौट आऊगा यह कह कर गए थे तुम , अब तो एक पल भी सदियों सा लगता है । घर आंगन सुना सा लगता है , जैसे कल की तो बात थी जब हम तुम साथ थे ।फिर ना जाने एक पल में क्या हुआ ,तुम पास होकर भी मेरे पास नहीं । शायद तकदीर का लिखा यही था , तेरा मेरा साथ बस दो पल का ही था ।