तेरी जिस्म की खुशबु महक़ती रही। मोहब्बत की चिड़ियाँ चहकती रही। रातभर तेरी बाहोंमें प्यार लुटाते रहे। सुरज के आने का भी होश न रहा। बाँहों से निकलकर तेरा चेहरा देखा जब मैंने, एक अलग नुर छाया हुवा था। वो रात हमेशा मुझे याँद रहेगी । जिसने इश्क़ कि वादीयों में अपनी जगह बनायी थी।