गीत
वो चुपके से दबे पांव चली आती है!
उसकी पायल तो सारे राज़ खोल जाती है!
धीरे-धीरे कदम बढ़ाती पायल की आवाज़
मेरे नाज़ुक दिल के तारों को छेड़ जाती है!!
छन-छन पायल जब मेरा नाम लेती है!
वो मेरे कानों में अम्रत घोल जाती है!
मेरी आँखों में बेपनाह मुहब्बत देखकर कर
उसकी पायल भी शरमा जाती है!!
देखता हूं मुड़कर तो वो सामने नही आती है!
छुप-छुपके उसके पायल की झंकार मुझे पास बुलाती है!
बेचैन सा ढ़ूंढ़ु उसको पर नज़र नही वो आती है!
पीछे से चुपके से आकर मेरी आँखों पर हाथ वो रख जाती है!!
उसके बालों का गजरा, आँखों का कजरा देखकर
उस खुदा की खुदाई भी बहक जाती है!
खुदा ने इतनी फुर्सत से बनाया है उसको
उसकी सादगी गुस्ताखी पर आमदा किए जाती है!!
फलक़ दूर से ही आह भरता है!
उसकी तमन्ना जो अधूरी यह जाती है!
पायल से सजे खूबसूरत पैरों को चूमकर
प्यासी ज़मी की प्यास बुझ जाती है!!