रैना बिती जाए, हाये
आँखियों में नींद ना आए।
काहे रे सँवरिया तू
मोहे तड़पाए, हाये
रैना बिती जाये, हाये।।
बिरह की अगन में
सुलगे है तन मोरा
काहू तोसे कहूँ अब
समझ न आवे तोरा
तोही निरमोहिया से
लगन लगाये, हाये।
रैना बिती जाये, हाये
आँखियों में नींद न आये।।
तोही मोरी दुनिया
तोही रे जहान है
तोरे खातिर सँवरिया
मोरि दुनिया कुर्बान है
तोरे लिए आँखियों में
सपन सजाये, हाये।
रैना बिती जाए, हाये
आँखियों में नींद न आए।।
मन मंदिर में मोरे
तोहरी मुरतिया
जनम जनम चाही
तोहरी संगतिया
पिरितिया के रितिया
हम तोहसे सजाये, हाये।
रैना बिती जाये, हाये
आँखियों में नींद न आये।।
मिलन के दिन कब
आइहें विधाता
आवा हो सहेली मोरा
रूपवा सजाय दा
इंतजार करत होइहें पिया
सेजिया सजाये, हाये।
रैना बिती जाए, हाये
आँखियों में नीद न आए।।
रैना बिती जाए, हाये
आँखियों में नींद ना आए।
काहे रे सँवरिया तू
मोहे तड़पाए, हाये
रैना बिती जाये, हाये।।