लोग खैरियत भी पूछते हैं तो रोंगटे खड़े हो जाते है ,
इस ठंड को तो रोक लेते हैं चद्दर का पर्दा करके ...
लेकिन....
ये बिन मौसम कभी कभार मिलनेवाले लोग ....
जैसे बँद खिडक़ी के छोर से अंदर आती कातिल हवा ,
वैसा कातिलाना अंदाज़ जैसे...
खून को बर्फ बनाकर ही दम लेंगे ।
~Damyanti Ashani