काहे को दुनिया बनाई?
एक बार वन में एक पेड़ पर बैठे बैठे कुछ पंछियों में इस बात पर बहस छिड़ गई कि आख़िर ये दुनिया बनाई ही क्यों गई है,इसका मकसद क्या है?
एक छोटी सी सुन्दर चिड़िया ने चहक कर कहा- दुनिया इसलिए बनी है ताकि सब इसमें गा सकें।जो भी चाहे,जब भी चाहे गुनगुनाए।
कौवे को ये बात बिल्कुल नहीं जमी, उपेक्षा से बोला- दुनिया में ढेरों काम हैं,केवल गाने से क्या?दुनिया तो इसलिए बनाई गई है ताकि जिसे जो चाहिए वो दूसरों से उसे छीन ले!
तभी तोते की आवाज़ आई- धूर्त,ये दुनिया छीना झपटी का अड्डा नहीं है, ये सबके एक साथ आराम से रहने के लिए बनी है।
सब चौंके,क्योंकि अब आवाज़ पेड़ के नीचे से आई। नीचे घूमता हुआ एक मुर्गा कह रहा था - क्यों बेकार की बहस कर रहे हो,देखते नहीं,दुनिया तरह तरह की चीज़ों को खाने के लिए बनाई गई है।
चहक कर मैना मुर्गे से बोली- तुम इसी लालच में तो मारे गए, देखो, लोग हममें से किसी को नहीं खाते, लेकिन तुम्हें देखते ही सबके मुंह में पानी आ जाता है। न तुम्हारा अंडा छोड़ते हैं लोग,न बच्चा और न तुम्हें!
मुर्गा निरुत्तर होकर चुपचाप चला गया। तब से उसने फैसला किया कि वह इन पंछियों के साथ जंगल में या पेड़ पर कभी नहीं रहेगा।