Hindi Quote in Poem by Sudhir Srivastava

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जन्मदिन विशेष (01 जुलाई)
जन्म दिन की सार्थकता
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आज मेरा जन्मदिन है
यह बात मेरे मित्र यमराज ने बताया,
सोशल मीडिया से वह भी जान पाया,
एक राज की बात बताकर चिढ़ाया
आपको प्राइमरी पाठशाला के मुँशी जी ने भरमाया
और विद्यालयी दस्तावेज में
अठारह मार्च उन्नीस सौअड़सठ के स्थान पर
एक जुलाई उन्नीस सौ उनहत्तर को
स्व इच्छा से आपका जन्म दिन चढ़ाया,
वो समय कुछ और था
इसलिए बाबा ताऊ ने भी सवाल नहीं उठाया।
तब से आप झूठा जन्मदिन मना रहे हो
इसमें कौन सा बड़ा काम कर रहे हो
शरम नहीं आती जो हमें भी बेवकूफ बना रहे हो।
पर हम बेवकूफ नहीं बनेंगे प्रभु
अपने यमलोकी कैलेंडर में
समयानुसार ही समय का लेखा जोखा टकरेंगे,
अपनी तैयारियों को थोड़ा और तेज करेंगे।
आप जन्मदिन मनाओ, केक काटों,
हँसो नाचो गाओ, ठुमके लगाओ
पर ये याद रखना कि जीवन का एक और वर्ष
आपके हाथों फिसल गया,
अच्छा था या बुरा, उसे तो जाना ही था
तो वो चुपचाप निकल गया,
आगे की जिम्मेदारी अपने भाई को सौंप गया।
आप हमारे मित्र ही नहीं शुभचिंतक भी हो
तो मैं भी आपका मित्र -शुभचिंतक हीहूँ,
इसलिए आपको मुफ्त की सलाह दे रहा हूँ
जिसे आप प्यार से स्वीकार करो
जन्मदिन को यादगार बनाओ,
समाज, राष्ट्र के लिए कुछ नेक काम करो
माना कि आप अंबानी अडानी नहीं हो, तो क्या हुआ?
जो कर सकते हो, कम से कम वो तो करो
बहाने मत बनाओ, एक जिम्मेदार नागरिक बनो
शेष जीवन में ऐसा कुछ कर जाओ
कि लोग आपको याद रखें,
आप कहते हो न कि मरना नहीं जिंदा रहना चाहते हो
कि लोग आपके जाने के बाद भी
आपकोअपने दिलों में जिंदा रखें।
कितने लोग हैं जो मरकर भी भला जिंदा हैं
उसमें आपका भी नाम जुड़ जाए,
कम से कम एक दो काम ऐसा तो करो।
मरने जीने की चिंता में समय व्यर्थ मत करो,
अभी तो बहुत समय है, इस फेर में न रहो,
जन्मदिन पर बड़ों का आशीर्वाद, छोटों का स्नेह लो
औपचारिकता निभाने के लिए बस इतना ही काफी है,
सबके साथ मेरी भी बधाइयाँ शुभकामनाएँ
बड़ी शराफत से स्वीकार करो,
चाहो तो थोड़ा सा आशीर्वाद हमसे भी माँ लो।
स्वस्थ रहो, मस्त रहो, व्यस्त रहो,
उपहार की चाह हो तो वो भी बक दो
फिलहाल मेरे हिस्से का केक मुझको खिला दो,
लुत्फ़ बाद फिर जन्मदिन का उठाओ।

सुधीर श्रीवास्तव (यमराज मित्र)

Hindi Poem by Sudhir Srivastava : 111984646
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