झलता हुआ काश्मीर....
क्यो जल उठी है हरी वादियां बताओ,
क्यो रक्त से रंगी गई ,कश्मीरी घाटी?
क्या कसूर था?जिसको गोलीसे फूका?
सुहागन से जिसने लाल रंग छीना
कबतक धर्म के नाम पर लाशे ढलेगी?
कबतक निर्दोशो की जाने जलेगी?
क्या चाहते हे हम अपने चमन से?
पूछो जरा खुर्शी के रखवालो से,
सुना हे हमने स्वर्ग के बारे मे बहुत
अब स्वर्ग की परिभाषा बदल रही हे
हीना रामकबीर हरीयाणी