# मन के मीत #
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जब से आप मेरे मनमीत बन गए।
जीवन सुमन कुछ यूं खिल गए।।
साज छेड़ा है इन हवाओं ने आकर,
जैसे घटा और बादल कहीं मिल गये
जब से आप मेरे मनमीत बन गए।।
तुमको पाकर सारा जहाँ पा लिया
न कोई तमन्ना-ए-दिल रह गई।
सफर जिन्दगी का हंसीन होगा तेरे संग,
नये ख्वाब आंखो में फिर पल गए
जब से आप मेरे मन मीत बन गए।।
मन के मंदिर में है मूरत तुम्हारी,
नैनो में सूरत दिल में चाहत तुम्हारी।
सपनों में तुम थे, हकीकत में तुम हो
दिल मे उम्मीदों के चिराग जल गए।
जब से आप मेरे मनमीत बन गए।।
♥️♥️♥️