यु हि ज़िंदगी की राह पर चलते फिसलते उम्मीदों की कड़िया मजबूत करने मे लगे है हम,

ये किस बात की शुरुवात है ऐसी जो बिन कुछ कहे ऐसे खामोशी मे जी रहे है हम,

हा ये तो बस एक कटता हुआ वक़्त है , जियाँ हुआ लम्हा , जिसे कुछ अरमानो के लिए भूल रहे है हम,

मुश्किलों सी भरी इस अजीब दास्ताँ मे ऐसे हि मुस्कुराते हुए अपने सपनों को जी रहे है हम ........❤️


Piya❤️

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Rahul Patel 2 year ago

Hay , can you help me?

Narendra Parmar 2 year ago

होंसले बुलंद हैं फिर क्या ग़म है ।। 👍👌

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