रूसो के अनुसार,
मानव- स्वभाव में दो तत्व है- आत्म प्रेम तथा परोपकार की भावना।
मनुष्य एक आदर्श बर्बर है।
प्रारंभिक अवस्था में उसका जीवन निष्कपट और आदर्श रहता है, क्योंकि मनुष्य अपने हृदय की आवाज के आधार पर निर्णय करता है, परंतु विवेक के उदय के साथ ही मनुष्य में व्यक्तिगत संपत्ति या तेरे मेरे के भाव का उदय हुआ और इसी के साथ मनुष्य का शांत आदर्श जीवन संघर्ष में बदल गया।👍

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