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Piya

Piya Matrubharti Verified

@shivali1826gmail.com6880
(35)

हम क्यू सोचते है की ज़िंदगी मे हमे क्या मिला ?
और क्या नही .....,
क्यू किसी के एक के लिए कितना कुछ adjust करते है,
क्यू हर बार हमे ना सुनना पड़ता है ।।

जो है सो है खुशी से जियो यार
तुम्हे तो बस ये किरदार निभाना है और एक दिन चले जाना है ..........😊❤️

Piya

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गणपती बाप्पा मोरया 🙏🏻❤️
My home ganesha

कुछ तेरा है कुछ मेरा है,
वो एक लफ़्ज़ है जो छुपा है तेरे नाम से
सुन तो जरा एक आवाज़ है जो पुकारती है आज भी
अगर ना मिल पाये तो क्या हुआ ,
वो रिश्ता है जो खिलखिलाता है आज भी .....।

piya 🖤

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मै अगर तेरी कलम से लिखना चाहू तो
क्या.... क्या लिखू ,
तु है तो कहानी है वरना
सब कुछ सिर्फ जुबानी है ,
वो बरसात की ओझल रातें
ना होती किसी और से ऐसी बातें ,
कुछ खास है तेरा कुछ पल मे नजर आना
कुछ पल यु देखना और नजरें झुकाना ,
नसीब की बातों पर अब ना यकीन रहा हमारा
ये अब मुमकिन ना रहा मिलना और बीछड़ना हमारा ,
हा मिल जाना तुम किसी राह पर हमे
एक दफा मुह मोड़ कर जाना है हमे ,
ज्यादा बिखरने की आदत नही है मुझे हा लेकिन हमेशा सोचती हु की तेरी कलम से लिखना चाहू तो क्या क्या लिखू .........

Piya 🖤

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❤️😊

औरत के हाथों अपने आप को चुनना शायद समाज को कुछ ज्यादा पसंद नही आता ,
लेकिन ,
अगर कोई मर्द खुद को चुनता है तो इस बात पे किसी को ऐतराज नहीं होता ,
समाज तो उस दिन स्वतंत्र कहलायेगा जिस दिन मर्द खुद अपने आप किसी औरत को अपने आप को चुनने की आज़ादी देगा ,
ये विवंचना तो इस बात पे हि खत्म होती है

-Piya

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शिक्षा का उद्देश सिर्फ पैसे कमाना नहीं होता ,
अपने आत्मसम्मान के लिए खुद खड़ा होना भी होता है ।



-Piya

कुछ रिश्तों का सफर बहोत छोटा होता है ,
हा लेकिन दायरा बहोत बड़ा ,

तेरा मुस्कुराकर देखना हमे बहोत पसंद है आज भी , अगर तु चाहे तो बस तेरी खामोशी से हि बात कर लु में ..,

नाउम्मीद भरी इस दुनिया मे किसे तलाश करू हर रोज जो ना चाहा वो ना मिला लेकिन जिसे चाहा वो मिल जाये ये बस तम्मन्ना कैसे कर लु में....,

तु अपनी खामोशी मे जवाब ढूंढता है और मै अपनी खामोशी मे तुझे ढूंढती हु ,मेरा हर एक जवाब तुझ पे होता है तु हर वक़्त मेरे साथ होता है ये यकीन कैसे कर लु में ...,

हा कुछ रिश्तों का सफर बहोत छोटा होता है ,
हा लेकिन दायरा बहोत बड़ा..........!

Piya

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तुम कबतक अकेले हि लड़ती रहोगी बस ,
कुछ तो होगी तुम्हारी भी जीने की वजह ,
शायद वो वजह कुछ और हो या तुम खुद हो ,
जिसे अब से तुम जीना चाहती हो .....,

-Piya

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फिसले हुए से जज़्बात मेरे थोड़े रुक से गये ,
फिर सहारा मिला कलम का तो समुंदर सा फैल गये .......



-Piya