Quotes by Shree...Ripal Vyas in Bitesapp read free

Shree...Ripal Vyas

Shree...Ripal Vyas Matrubharti Verified

@ripalvyas73gmail.com172629
(111)

है ये मिट्टी दिया फिर भी
कर दे उज्वल सारा जहां

आया रोशन दिवाली त्यौहार
सब के दिल को करने पुलकित

हुआ जग सारा जग मग
जग मग
किया गुलशन नील गगन

बने हम अपने दीपक
झांके हम खुद को खुद के आईने में

कही मलीनता दूसरों ढूंढते
खुद की बढ़ तो नहीं गई

स्पंदित हुए दिल सबके
अंकुरित हुआ स्नेह उजास

सारे सितारे चमक रहे है
खुशिया जैसे दमक रही है

अपनत्व की बरखा बरसे
मुस्कान जैसे जश्न मनाए

आओ मिलकर गले लगाए
नूतन वर्ष को स्नेह से भर दे

चमकते हुए सितारों से
जग हुआ गुलशन गुलशन

Shree....Ripal Vyas

Read More

શું હસે છે ઓ જિંદગી....
પહોંચવા દે તરંગો ને કિનારા સુધી
પહોંચવા દે તેની વાતો તેના સુધી
કાલે શું હતા ને આજે શું છીએ
સમજવા દે કિનારા ને દરિયા થકી
ક્યાંક પ્રેરણા બની સમજાયેલ તે વાતો
ક્યાંક ઠોકર ખાઈને સમજાયેલ તે વાતો
સમુદ્રના ઘુઘવાટ માં કોઈ નાવ બની સહારો બનવા દે


- Shree...Ripal Vyas

Read More

ऐसे ही नहीं बने आप प्रियतम
दिल में स्थान ऐसे ही नहीं मिला
आपकी हरकतों ने बनाया हमे स्नेहिल
आपके मधुर व्यवहार ने किया हमे सम्मानित
हमारी मुश्किल डोर के संचार आप बने
हमारे उलझे हुए रास्ते के पथ दर्शक आप बने
हमारे मन को चुराने वाले चोर आप बने
हमारे हर व्यवहार को सहज स्वीकारने वाले आप
हमारी खुशी में बढ़ावा देने वाले आप
मुरली की आवाज से सम्मोहित करने वाले आप
रासलीला रचाके हमे लालायित करने वाले आप
प्रियतम कान्हा आपकी ये राधा हर एक क्षण आपमें जीती है
- Shree...Ripal Vyas

Read More

तेरी श्रृष्टि मधुर ...
तेरी भक्ति मधुर...
तेरी लीला मधुर...
तेरा स्नेह मधुर...
तेरे नयनकमल का
पान मधुर
- Shree...Ripal Vyas

Read More

સ્ત્રીનું ઋણ

कुछ अनकहे लफ्ज़ एहसास बनके रह जाते है
कुछ लब्ज़ अनकहे ही अच्छे होते है
कुछ अनकही बाते यादों की पलकों पर जुलती है
कुछ बातें अनकही ही सुकून देती है
जब अनकही बाते एक कहानी रूप धारण करती है
तब अभिव्यक्त करने के लिए कलम साथ देती है
जब अनकहे शब्द खुद की एक दुनिया रचाता है
तब दिल के दहलीज पर अश्रु सौदर्य की माला सजाता है
कुछ अनकही बाते ना कहेना ही मुनासिम होता है
क्योंकि इस अनकहे लब्ज़ ही जीवन बदल देता है

- Shree...Ripal Vyas

Read More

कृष्ण
द्वापर युग का तू उद्धारी,की लीलाएं अधिक
जन्म दिया देवकी वसुदेव ने
पोषण किया नंद यशोदा ने
सब बंधे तेरे ये अनुपम रूप में
स्नेह स्रोत की अविरत धारा में
मक्खन बांटनेवाला मक्खनचोर कहेलायों
मुरली बजानेवालो मुरलीधर कहेलयों
गोपसखा संग जाए गाय चराने
गोपराधा संग जाए रास रचाने
किया मुक्त असुरों से ब्रजभूमि को
दिया सुख कनैया बन के जगभमी को

- Shree...Ripal Vyas

Read More

ભાષા મારી માં
ગુર્જર તેનું નામ
ગૌરવ તેનું મને
આન બાન શાન
મારી ભાષા ગુજરાતી
હૃદય ને ઉલેચી જાણે
ભાવ ને વલોવી જાણે
આંખે ડોકાય નીર
કલમ પરોવે મોતી
વધાવે મારું ગુજરાત



- Shree...Ripal Vyas

Read More

વર્ષા હરિયાળી

થયું આગમન વર્ષાનું
રૂમઝુમતી આવે વાદળી
ખિલખિલાટ કરતી વરસી પડે
ચારો તરફ ભીંજવે ધરાને

ઓઢે તું લિલવંત ઓઢણી
મોહે મન સૌનું, વસી જાયે દિલડે
ટાઢક વળે અધરને, નિરનું કરે પાન
શ્રુંગારિત ધરા બને રૂપસુંદરી

સૌમ્ય અનુપમ રૂપ
ભંડાર તું હરિયાળી કાંતિનો
અનિમેષ નયને આવકારે
આવ સમાય જા મારા હૃદયે

Shree…Ripal Vyas

Read More

એ વેરવા આવી હતી ખુશી
આપવા આવી હતી સુખ
પણ
દરેકે પોતે જે વિચાર્યું તે જ લીધું
છતાં કઠેડા માં પણ એ જ ઊભી છે

-Shree...Ripal Vyas

Read More