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Rimmi Singh

Rimmi Singh

@rimmisingh6062


मोक्ष का अर्थ है, 'अज्ञान से मुक्ति'। सबसे बड़ा अज्ञान है, 'मोक्ष में अंधविश्वाश'। यदि इस मोक्षरूपी बंधन से छुटकारा मिल जाये, तो बहुत मोक्ष मिल जाएगा।

बेकार लड़ाई -झगड़ा कर रस को विष बनाने से क्या फायदा? जिंदगी में हँसना चाहिए, फँसना नहीं।

यावज्जीवेत् सुखं जीवेत्
रसं पीत्वा रसं वदेत् !
- खट्टर काका

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जिस से दिल का हाल कह रहे थे
वही खंजर लिए खड़े थे।।

-रिम्मी ©

चल फिर कोई नई मार्च निकालें
हो रहे अत्याचारों के खिलाफ़
चल रही सरकार के खिलाफ़
कब हमें सरकार के मापदंड सही समझ आएं हैं
कभी कम कभी ज़्यादा
गलत ही नज़र आये हैं
चल कोई मार्च निकालें
कुछ सड़कें रोकें
कुछ बसें जलाएं
इस देश को हिलाएं
सरकार को जगाएं

बस अपना ज़मीर मार दें
फिर एक नया शहर जलाएं ।
- रिम्मी©

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सोचने से सब हो जाता तो कितना अच्छा होता।
सोचने से सब होता नहीं।
सोच उड़ -उड़ कर वापस दिमाग के पिंजरे में आ ही जाती है।
इस पिंजरे के दरवाज़े भी जंग खये हुए होते हैं
इतने साल आंख के पानी से जो नहाये होते हैं।
सोच के साथ इंसान भी जकड़ जाता है
किसी सोच की तरह
सोचती हूँ सोच का नाम आज़ाद पंछी क्यों न रख दूँ
फिर आज़ाद पंछी कैद नहीं रह पाएगा
जकड़ा नहीं जाएगा।
आज़ाद पंछी सोच की तरह आसमान में उड़ेगा
नए पंख लिए।

- रिम्मी ©

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जब मैंने मन ही मन ये ठाना की मुझे बेटी नहीं बेटा हो क्योंकि जो मेरे साथ हुआ ना मैं वो अपनी बेटी के साथ होने दूंगी ना ही कभी मैं उसके साथ गुरुर में ऐसा करूं कि मैं तुम्हारी माँ हूँ, ये सब तुम्हारे भले के लिए है। साथ ही मैंने ऐसा सोच कर पूरे मर्द जाति पर तमाचा मारा, जब बेटियां नही होंगी तो ना कोई जुल्म करेगा ना कोई बेटी- बहु कैद हो कर रहेगी। रहेगी तो सिर्फ मर्द जाति। लेकिन कभी - कभी सोचती हूँ तो पाती हूँ कि औरत पर सबसे ज़्यादा ज़ुल्म औरत ने ही किये हैं भले ही वो किसी मर्द की शह पर क्यों ना किये गए हों। भगवान को औरत को सुंदर तो बनाना चाहिए था, और जननी भी लेकिन मर्द के मुकाबले नाज़ुक नहीं। अब इस लड़ाई में एक जननी ही बदला ले सकती है। उसे ही तय करना होगा कैसे?

-रिम्मी©

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