Quotes by PUNIT SONANI "SPARSH" in Bitesapp read free

PUNIT SONANI "SPARSH"

PUNIT SONANI "SPARSH" Matrubharti Verified

@punitsonani121gmailc
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कुछ तो खराब तेरा मुकद्दर होगा , स्पर्श
ये लफ्जो का खेल कभी मुकम्मल दिलों के दायरे में नहीं आता...!!!

कुछ तो होता होगा महोब्बत जैसा जमीन और बारिश की बूंदों के बीच ,
वरना कौन गिरता इतनी ऊंचाई पर पहुंचने के बाद
किसी और को खूबसूरत बनाने के लिए..!!!

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मैने दिल में होती बात , ख्वाबों में होती मुलाकात देखी है ,
मैने एक शख्स में अपनी पूरी कायनात देखी है ।

हसीन शाम के साथ...!!

तेरा नाम कुछ इस कदर लगता है मेरे नाम के साथ
जैसे कोई खूबसूरत सुबह हो किसी हसीन शाम के साथ

एक रात खूबसूरत सी जैसे रहे चांदनी की छाव में
खुशनुमा सा कोई सवेरा हो सुनहरे आफताब के साथ

जो सोचू तुझे तो दिल जी उठे जिंदगी नई
ये खयाल तेरा मेरी नज्म को खूबसूरत बनाता है

तेरा कोई खयाल और मुस्कान का होठों पे आना
जैसे कोई मुकम्मल ख्वाब हो सुकून सी एक रात के साथ

तेरा साथ मिल जाए एक वो और सफर का चलते रहना
जैसे खुदा का सजदा हो दिल से की गई इबादत के साथ

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महोबबत के सफर में तू सुकून की तलाश न कर कतिब
दीवानों की अदालतों में राहत के कानून नही होते..!!

सब कुछ अगर मेरे ख्याल से होता तो कुछ और ही बात होती ,
बस में होता , तुम होती और सारी रात बरसात होती।

बहोत खामोश होकर देखते है तुम्हे ,
कहते है के इबादत में बोला नही करते

अगर तू दे इजाजत तो में ये करदू क्या
लेकर आसमान की सारी सजावट उसे जमी पे रखदू क्या

ये चांद , ये सितारे , प्रतीक महोबबत का छलावा है
लेकर गुलाब दुनिया भर के में इजहार -ए -इश्क करदू क्या

मलाल ये के तेरे चहेरे का नूर कही खो सा गया है
टू कहे तो दुनिया भर की अराईश तेरे चहेरे पे रखदु क्या

दो लफ्जो की बात तूने अपने होठों में दबा रखी है
हो इजाजत अगर मुझे तो में ये बात कहदू क्या

के अब नजर भर देखू तुझे तो ये जी नही भरता , अल्फाज
लेकर करीब तुझको खुदसे में थोड़ा सा इश्क करलू क्या

-PUNIT SONANI 'ALFAAZ'

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गुज़ारिश भी तू...✍✍✍






पैमाइश भी तू
आज़माइश भी तू
खुदा से मांगी एक
ख्वाहिश भी तू

रातो का आयाम
ढलती एक शाम भी तू
यादो का धुंधला अक्स
दिल पे लिखा नाम भी तू

यादो का एक मंज़र भी तू
दिल मे उतरा एक ख़ंजर भी तू
बाहर दिखता चेहरा तेरा
धड़कते दिल के अंदर भी तू

सच भी है तू
सपना भी तू
गैर कोई तुझसा कहा
मेरा एक अपना भी तू

अच्छा भी तू
खराब भी तू
जलती सिगरेट हो
नशा-ए-शराब भी तू

जागती एक रात भी तू
मेरे अश्क़ का आगाज़ भी तू
कोई ग़ज़ल तेरा नाम हो
कोई खूबसूरत अल्फ़ाज़ भी तू


~~~ B¥ . @|_F@@Z

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दास्तां खत्म हो जाती अगर मेरा इश्क मुकम्मल होता
म्होब्बत अधूरी है मेरी तो कहानी यकीनन लंबी चलेगी