Quotes by Puneet Mishra in Bitesapp read free

Puneet Mishra

Puneet Mishra

@puneetmishra3727
(310)

सहारे हर किसी को कमज़ोर कर गए,
उम्मीदें भी दिल में कुछ और कर गए।

ख़ुद पर भरोसा ही सबसे बड़ा सहारा है,
दूसरे तो बस दिल के किनारों पर रेत भर गए।

अकेले चलो तो मंज़िलें आसान हो जाएँ,
भीड़ के संग चलकर कितने लोग बिखर गए।

ख़ुद अपना हमदर्द बनो, यही सच्चा रास्ता है,
वरना औरों के सहारे तो कितने सफ़र ठहर गए।

Read More

यूँ छिपकर दुनिया से,
मुझे देखकर तू जो मुस्कुराता है,
क्या यही साइलेंट अटैक कहलाता है?

भोर से पहले ही नींद मेरी टूट जाती है,
तेरा नाम मन ही मन पुकार उठता है,
बांग बनकर जो तू जगाता है,
क्या यही साइलेंट अटैक कहलाता है?

महफ़िल में बैठे-बैठे,
बेवजह मैं खिलखिलाने लगती हूँ,
तेरे ख्यालों की हल्की गुदगुदी,
दिल को सताती है,
क्या यही साइलेंट अटैक कहलाता है?

कभी अनजान-सा डर मन में घर करता है,
तेरा साथ कहीं खो न दूँ—
ये सोचकर दिल घबराता है,
क्या यही साइलेंट अटैक कहलाता है?

मान ही लेनी थी तेरी बात,
अब मन हर पल पछताता है,
तेरे बिना जीना मुश्किल लगता है—
क्या यही साइलेंट अटैक कहलाता है?

Read More

पेड़ ने आसरा दिया,
कि चिड़िया बना ले उस पर अपना घोंसला।

लेकिन चिड़िया को याद रखना होगा—
पेड़ ने साँप को भी पनाह दी हुई है,
और चढ़ जाते हैं उस पर कभी-कभी बंदर भी।

गिद्धों की नज़र
परिन्दों के आसियाने पर है ही,
और,
यूँ ही चला देता है कोई बचपन
दरख़्त पर पत्थर।

हवाएँ भी ला देती हैं
भूकंप पक्षियों के मकानों में।

फिर भी—
चिड़िया हर बार तिनके जोड़ती है,
क्योंकि जीवन का सच यही है
कि खतरे सदा रहेंगे,
पर उम्मीद का घोंसला
फिर भी बनाना होगा।

Read More

फूलों की राह छोड़ वो काँटों में जा बसा,
वो शख़्स मेरे प्यार के क़ाबिल नहीं रहा।

दिल की किताब से मैं मिटा आया हूँ उसे,
यादों में उसका अब कोई हासिल नहीं रहा।

ख़्वाबों के जिस नगर में हुआ करता था वो,
अब उस जगह का कोई भी शामिल नहीं रहा।

राहें बदल गईं हैं, वही मोड़ रह गए,
साथी कभी जो था, वो हमदिल नहीं रहा।

वो हँस के छोड़ गया था सभी रिश्तों का सफ़र,
दिल में मगर वो दर्द का हासिल नहीं रहा।

निगाह से उतार चुका हूँ मैं उसको अब,
वो शख़्स अब तो प्यार के क़ाबिल नहीं रहा।

Read More