Quotes by किरन झा मिश्री in Bitesapp read free

किरन झा मिश्री

किरन झा मिश्री

@mishri


दूसरों का अहित करने में,
जो इंसान करते हैं कृत्य।
दंडस्वरूप भगवान भी उसे,
दिखाते उन्हें वैसा ही नृत्य।।

सुप्रभात
मिश्री

-किरन झा मिश्री

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दुनियां में तरह तरह के लोग,
कब किसकी लग जाए हाय।
ज्यादा किसी का साथ नहीं है,
चलते चलते सबको गुडबाय।।

शुभरात्रि
मिश्री

-किरन झा मिश्री

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मित्र वही जो हर कदम पर खड़ा हो,
हर मुश्किल घड़ी में, साथ जड़ा हो।
गिराने में लगी हो सारी दुनियां उसे पर,
वह साथी का मनोबल बढ़ाने में लगा हो।।

मिश्री

-किरन झा मिश्री

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कुछ सपने अपनों को लेकर,
मन ही मन में पलते हैं।
जहां किसी की कदर न हो,
वहां से चुपचाप चलते हैं।।

मिश्री

-किरन झा मिश्री

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किसी को अपनी तरफ खींचना हो,
कर दो उसकी दिलफेंक तारीफ।
मंद मंद मुस्कुराकर वह भी,
कर लेगा अपने दिल के अजीज।।

मिश्री

-किरन झा मिश्री

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तारीफों पर तारीफें,ऐसे करते लोग।
जैसे मंदिर का, बंट रहा हो भोग।।

मिश्री

-किरन झा मिश्री

हमसफर नहीं बनना मत बनो,
पर याद रखना अपना सफर।
हमेशा साथ चाहें नहीं रहो पर,
कभी कभी लेते रहना खबर।।

मिश्री

-किरन झा मिश्री

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संतुलन बनाके रखो जिंदगी में,
अति हर चीज की है दुखदाई।
विश्वास जब अपनों से टूटता,
तब दिखती उनकी चतुराई।।

सुप्रभात
मिश्री

-किरन झा मिश्री

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इंतजार रहता है किसी का,
पर नहीं आता कोई संदेश।
मानो ऐसा अब लगने लगा,
छोड़ गया हो वह यह देश।।

मिश्री

-किरन झा मिश्री

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सजोएं थे जिसके सपने,
फैलाई जिसके लिए बाहें।
नैना कहीं और लड़ाकर,
बदल ली उसने राहें।।

मिश्री

-किरन झा मिश्री

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