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Meenakshi Singh

Meenakshi Singh

@meenankshis8168
(27)

दीये और ट्यूबलाइट की रोशनी कभी सूर्य प्रकाश की बराबरी नहीं कर सकती..
#प्रकाश

इस कोरोना काल में आप सब अपना खूब ध्यान रखना, यह अभी हम सबकी सबसे बड़ी चुनौती और जिम्मेदारी है..!!
#रखना

लड़की हूँ मैं
सब कहते हैं लड़की हूँ मैं
घर से निकलते ही मुसीबत में घिर जायेगी
कभी भी किसी आफत में फंस जायेगी
छूना चाहती हूँ मैं आसमान को..
पर सब कहते हैं लड़की हूँ मैं
कहीं भी किसी गंदी दावत में घिर जायेगी
घर लौटेगी जब आत्मा पर घाव लेकर
लोगों की लानत में घिर जायेगी
नहीं जी पायेगी उन तानों के बीच
पर सुनों समाज के ठेकेदारों
लड़की हूँ मैं
इसलिए तो आगे बढ़ना चाहती हूँ
आसमां को छूना चाहती हूँ मैं
आपकी छोटी सोच का खामियाजा मैं क्यों भुगतूं
आप अपनी सोच को संभालो
मैं तो चली
अपने संस्कारों को सहेजकर
अपनी मंजिल को छूने
रोक सको तो रोक लो..
#बढ़ना

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गगन की ऊँचाई मापना चाहती हूँ
सूरज का तेज पाना चाहती हूँ
चंदा सी शीतलता लेकर
हौसले के साथ बढ़ना चाहती हूँ
इनके आँखों में पल रहे ढ़ेरों सपने
कामयाबी के चरण चूमना चाहती हूँ
लड़खड़ाते से मेरे ये कदम
मम्मा, तेरा हौसला भरा साथ चाहिए
तेरी उम्मीदों को पूरा करना चाहती हूँ
डरती है न तू
मुझे दुनिया के बीच भेजने से
तेरी गुड़िया हूँ न मैं
तेरे जिगर का टुकड़ा
हर वो सपना पूरा करना चाहती हूँ
जो तू न पा सकी
बस तेरा साथ चाहिए
मेरी उम्मीदों में रहना
तू हौसला बनकर हरदम
हर मुश्किलें पार करूँगी
बोलो माँ..
रहोगी न साथ मेरे
मेरी हिम्मत बनकर
तारों के गुच्छे तोड़ना चाहती हूँ
उन्हें विश्वास के धागों में गुंथकर
वेणी बनाना चाहती हूँ
तेरे जूड़े में सजाना चाहती हूँ
बस तू रहना हमेशा साथ मेरे
मेरी प्रेरणा बनकर
बोलो माँ रहोगी न
साथ मेरे हमेशा..??
#बढ़ना

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इस आभासी जगत की लत को छोड़ना चाहते हो,
जीवन की पथरीली राह पर आगे बढ़ना चाहते हो..
तो बढ़ो न..
तुम्हें रोका किसने है..
हकीकत की धरातल पर बढ़ो आगे..
तुम्हें टोका किसने है..
तो बढ़ो आगे..
पर जान लो इतना,
हकीकत की भूमि यथार्थ तो होती है,
लेकिन बिना कल्पनाओं और सपनों के
जीना सीखा किसने है..!!
#बढ़ना

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ताउम्र उत्कंठित रहना चाहती हूँ मैं,
संघर्ष भरे जीवन रूपी इस दरिया में
अभी और बहुत कुछ सीखना चाहती हूँ मैं..
आने वाले हर अवरोधों से टकराकर,
अपने संस्कारों को सहेजकर कर्मपथ के
इस सफर में आगे बढ़ना चाहती हूँ मैं..!!
#बढ़ना

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तुम्हारे नाम के आगे ग्रीन डाॅट का दिखना.. मेरा इनबॉक्स में आकर एक्टिव नाऊ देखना.. धड़कनों का बढ़ना और चुपचाप मेरा वापस लौट जाना.. यही इश्क है..!!
#फेसबुक_लव #बस_तुम्हारे_लिये
#बढ़ना

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जो कभी अपना था, उसके संदर्भ में भुलाना शब्द अस्तित्वहीन है क्योंकि उसे तो भुलाना संभव ही नहीं..
#भुलाना