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तेरी शरारत जब भी तू मुस्कुराए, दिल बेताब हो जाए, इक तेरी अदा से ये सारा जहाँ बदल सा जाए। तेरी निगाहों की शरारत, दिल में हलचल मचाती है, ये बेख़ुदी भी दिल को, कितना तड़पाती है। तेरा यूँ पास आना, फिर नज़र चुराना, यही तो है तेरे इश्क़ का, एक मीठा फ़साना। तुम छुपाते हो और मैं ढूँढता फिरता हूँ, तेरी यही अदा मेरे दिल को भाती है। –––– Meenakshi (Mini)
स्त्री का घर कहते हैं कि शादी दो दिलों का मेल है, पर एक दिल की दास्तान यहीं खत्म हो जाती है. उसे एक नया घर तो मिला, पर उसका अपना घर कहीं पीछे छूट गया. उसे रानी तो कह दिया गया, पर राज करने का अधिकार न मिला, उसकी पहचान को एक नया नाम दिया गया, पर उसका अपना नाम कहीं खो गया. यहाँ हर खुशी एक शर्त पर मिली है, हर हँसी के पीछे एक आँसू छुपा है, औरतों का अपना कोई घर नहीं होता, कहते हैं कि वो बाबुल के घर मेहमान होती है, पर क्या पता था कि ससुराल में भी पराई ही रहती है. उसने अपने एक घर को छोड़ दिया, पर दूसरा घर उसे अपना न सका, उसके दिल में एक अजीब सा सूनापन है, कि दो-दो घरों में रहकर भी वो बेघर है. उसे घर तो दिया गया, पर घर में अपनापन कभी न मिला, उसने अपनी पहचान खो दी है, दो घरों के बीच भटकते-भटकते. उसे मेहमान कहकर तो सबने बुलाया, पर उसकी उदासी का दर्द कोई समझ न पाया, उसने घर तो बहुतों के सजाए, पर उसका अपना घर कहीं बन न पाया. उसे घर की चाबी तो थमा दी गई, पर किसी दिल में जगह न मिली, वह चलती रही दो घरों के बीच, पर उसकी रूह को कहीं ठिकाना न मिला. उसका अपना घर बस एक ख़्वाब था, जो सिर्फ़ सपनों में ही पूरा होता था. _____
वो नटखट अदाएं, ये शरारत भरी आँखें, कुछ ज़ुबाँ पर नहीं, दिल में हैं हज़ारों बातें। कभी रूठ जाना, कभी पल में मान जाना, ये तेरी आदत है, या कोई नई शरारत है? लबों पर हँसी और आँखों में छुपा काजल, ये कैसी कशिश है, जो करती है हमें घायल। उसका यूँ ही, पास आ के, दूर चले जाना, ये दिल के लिए, हर पल का एक फ़साना। तेरी हर शरारत पर, हम कुर्बान हो जाते हैं, पता है फिर भी हम , अनजान बन जाते हैं।
दुपट्टे की उड़ान वो शाम थी कुछ ख़ास, जब मैं पीछे बैठी थी स्कूटर पर, हवा से जूझ रहा था मेरा दुपट्टा, बन रहा था वो एक शरारती परछाई. उड़ता-उड़ता जा रहा था वो, ज़मीन को छूने की चाह में, तभी एक अनजान हाथ सामने आया, हेलमेट पहने एक मुस्कुराता चेहरा. उसने दुपट्टा मेरे हाथों में थमाया, बिना कहे ही सब कह गया वो, वो पल एक ख़ूबसूरत एहसास था, आज भी याद आता है तो खिल जाती हूँ. ☺️☺️
तेरे बिना ज़िंदगी अधूरी सी लगती है, हर धड़कन तेरी कमी को सुनाती है। तेरे होने से ही साँसों में रौशनी है, तेरे बिना तो ये दुनिया वीरानी सी लगती है। तेरी मोहब्बत में जो दर्द पाया है, उसने ही मेरी रूह को जीना सिखाया है। कभी सोचूँ छोड़ दूँ तुझे हमेशा के लिए, पर तेरे बिना हर राह सूनी नज़र आती है। –––Meenakshi (Mini)
अगर मोहब्बत होती तो ऐसा होता ही नहीं हर लम्हा इस तरह दर्द-ए-जुदाई में कटता ही नहीं। नज़रों से दूर, दिल से दूर हो जाते अगर दिल में बेक़रारी का साया होता ही नहीं। हर बात पर बेरुख़ी का इल्ज़ाम देते हो शिकायत होती तो रिश्ता इतना गहरा होता ही नहीं। तुम्हें पाकर भी खो देने का एहसास है अगर हासिल करने की चाहत होती तो ऐसा होता ही नहीं। –––– Meenakshi (Mini)
यमुना तट, मुरली की धुन, गोपियों का मनमोहन, कान्हा, कन्हैया, नंदलाल, अंधेरे को करे उजाला। जीवन का सार समझाए, कर्म का पाठ पढ़ाए, तुम ही हो जग के गुरु, कृष्णम् वन्दे जगद्गुरु। –––– Meenakshi (Mini)
रात का सन्नाटा ये रात का सन्नाटा, जब चाँद भी चुपके से झाँकता है, और हवा भी धीमी सी सरगोशी करती है, दिल में एक अजीब सी ख़ामोशी उतरती है। जब शहर सो जाता है, और तारों की रौशनी में, कोई अपना सा याद आ जाता है। जब आँखों में ख़्वाब पलते हैं, और अनजाने से अहसास, दिल की दीवारों पर दस्तक देते हैं। जब हम ख़ुद से मिलते हैं, और ज़िन्दगी के उलझे धागों को, सुकून से सुलझाते हैं।
बातों का क्या? ये कसमें, ये वादे, ये प्यार, ये वफ़ा, सब बातें हैं… बातों का क्या। जो दिल में था, वो जुबां तक आया ही नहीं, और जो कहा… उसका मतलब था क्या? वो चला गया हाथ छुड़ाकर यूँ ही, जैसे मैं कभी उसकी ज़रूरत ही न था। एक पल में सब कुछ पराया कर गया, जैसे मैं कोई बोझ था… जिसे वो सह न सका।" 💔 __ Meenakshi (Mini)
बेवफ़ाई की चुभन तुझ पर ऐतबार करके खुद से बेगाना हो गया, तेरी हर मुस्कान पर दिल कुर्बान हो गया। पर तूने बदलते हुए चेहरे के साथ दिल भी बदल दिया, हम वफ़ा में डूबे रहे और तू बेवफ़ा हो गया। – Mini
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