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मन खराब हो ऐसे विचारो से और मूड खराब हो ऐसे लोगो से दूर रहो । और आप जितने सच्चे होंगे उतने ही अकेले होंगे। जहां बात रही सत्य की तो लोगो को सत्य जान ना होता है , किसी को सत्य मान ना नही होता । –नंदी। -नंदी
दो शब्द क्या कह दिए , हमारा स्वाद उनको तूरा लग गया ,,,,, जनाब परेशानी तो हम भी बहुत देख रहे है , ना कुछ किसी को कहते है बस सहते है , तो आपको छोटी सी बात का कैसे बुरा लग गया ?
तू दरिया है में ओस की बूंद हूं, तू दरिया है में ओस की बूंद हूं ,, जनाब नदियों की तरह में तुमसे मिलने नहीं आया करूंगा । -नंदी
तेरी आंखों को छूना पसंद है मुझे , देख कर दिल में कई सारे रंग खिल जाते है , बाहों में रहती हो जब तुम मेरी , सारे आसमान के रंग मेरे हाथो में बिखर जाते है ।🐼 -नंदी
शार्दियो में रहते है हम,, थोड़ी गर्मी चाहिए, समेटना चाहेंगे तूझे खुद में,वो पल हसीन चाहिए, तूझ संग इजहार किया है खुदा से,एक नए रिश्ते का, देख ने आए खुदा तब तू मेरे सीने पे लिपटी हुई चाहिए, जुबान पे जुबान रखे न निकले अल्फाज मुंह से, पतझड़ में भी प्यार तेरा जैसे ऋतु वसंत चाहिए। ❤️नंदी❤️
મહેફિલ ના માનવી તારો સમય તું જો તો ખરો , નથી ખરાબ એ પણ ભેગો ગરીબ રો તો ખરો , ક્યાં ખબર છે તને તું થઈ જઈશ ક્યારેક સ્વછંદી તળાવ એવો , ખુલ્લાં દિલ થી આંસુ ના ટોપલાઓમાં બધું જ મેલી વરસને વરસાદ જેવો , તારી પાસે ભલે હશે કારણ હજાર ખુશી ના , ક્યારેક તું બન તો ખરો રમકડાં બાલમંદિર બાળક ના , ગમશે બધાને તું વાતો માં એમની સામે હોઇશ ત્યારે , પાછળ થતી વાતો માં તું હર એક હૃદય માં કેમ છે હારે ? મૂક્યું મે મોટું મન તને કેહવામાં ઘણું ખુલ્લું રાખીને , છોડી દેને આ બધું , નથી રાખ્યું કંઇ દુનિયા ના શબ્દો ચાખીને . નંદી ❤️ #poem #કાવ્ય
छल से इंसान अपने ही लोगो को सरेआम बेच रहा है, ना जाने क्यू अनजाने में पेड़ पाप का सींच रहा है, ना काट सका वो कुकुर बस जैसे हाथी पे भोंक रहा है, निगल ने वाले शब्द को कमजोरों पे आसानी से फेंक रहा है, तमीज़ भूल के सिर्फ खुद के सपनो का बस घमंड देख रहा है, शमशान न होते भी किसी के बदन पे अपने हाथ शेक रहा है, मन की घृणा बातो में लाए, गंदकी को निचोड़ रहा है, सहज भावना से अपने पाप को बड़ी सफाई से पोंछ रहा है, खबर नहीं किसी को ऐसा मानने वाला खुद को उसमे धोप रहा है, कमाया क्या ,दिखाया क्या इज्जत की बाते बस खोज रहा है, चलाकिया इंसानों की देख ऊपरवाला भारी मन से हंस रहा है, अरे !कोई तो समझाओ ये नादानो को की ऊपर से भी तुमको कोई देख रहा है। ~नंदी❤️
करिश्मा हो कुदरत का ,आंखो में नमी हो तेरी, तेरी परछाई बनके घूमे,हर एक सांसे मेरी, बदनसीबी दस्तक दे रही,जिंदगी खेल रही जुआं, तूने इकरार किया,हालत बेघर थी,और प्यार हुआ। नं🐂दी❤️
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