Quotes by Hussain Chauhan in Bitesapp read free

Hussain Chauhan

Hussain Chauhan Matrubharti Verified

@hussainchauhan.453671
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सफ़रनामा: यादों का एक सुनहरा दौर का पहला अध्याय प्रकाशित हो चुका है।

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उसे चुपचुपके देखना, उसे हंसता हुवा देख खुद का भी हंसना, कोई न कोई बहाने से उसके साथ बातें करने का मौका तलाशना, उसके साथ आनंद के कुछ पल एकांत में बिताने की कल्पना करना।

अक्सर इस दौर से हम सब गुज़रे है, और जो अभी तक गुज़रे नही वे आनेवाले कल में यह सब महसूस करेंगे, जो कभी हमने किसीके लिये किया था।

जब प्यार बिल्कुल एक नया शब्द था जानने के लिये, वो नही जानना चाहता था कि, इस राह पर चलने पर कितने दुःख और कितने दर्द मिलते है। लेकिन, उसे कहा उन मिलनेवाले अनगिनत दुःखो की पड़ी थी। फिलहाल उसके लिये जरूरी था तो यह कि, वो बस स्नेहा से बातें करता रहे, और इन्ही बातों-बातों में वो उसे अपने दिल की बात भी बता दे कि, वो उसे कितना चाहता है। उसका दिल सिर्फ उसके लिये ही धड़कता है।

आदिल के इस प्यार भरे सफर में ठीक वैसे ही बाधा आयेगी जो कभी हमारे जीवन मे आयी थी। क्या वो टूट कर बिखर जायेगा जिस तरह कभी हम टूटे थे? या फिर वो ऐसा संभलेगा कि, जिसकी किसीने कल्पना भी नही की थी।

यह कहानी सिर्फ आदिल की नही है, हम सबकी है, हमारे बीते हुवे कल की है जो समाज के दकियानूसी, घटिया, अतार्किक, बेकार और खोखले विचारो ने तबाह कर दी। यह कहानी हमारे उस कल की है जिस कल को किसीने जीत लिया तो कोई हार कर आगे बढ़ गया, कोई टूट कर बिखर गया, तो कोई गिर कर संभल गया।

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"सफ़रनामा: यादों का एक सुनहरा दौर"

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झूठ बोलते है वो लोग जो कहते है कि, उन्हें कभी प्यार नही हुवा। हम सब को हुवा है, लेकिन,फर्क बस इतना है कि, किसी का पूरा हुवा तो किसीका अधूरा रहा।

कोई नही जानता कब, कैसे, कहा, किस तरह किसी ऐसे इंसान पर दिल आ जाये जिसको हम पहचानते तक नही।

बिल्कुल यही हुवा स्नेहा के साथ, कब इकोनॉमिक्स की किताबी बातें करते करते वो एक ऐसे इंसान के प्यार में पड़ी जिसके साथ उसका आनेवाला कल बेहतरीन होनेवाला था। किताबी बातें, दिली बातों में बदलने वाली थी। जिस सफर पर वो अकेली चल रही थी उस सफर का हमसफ़र उसे मिलने वाला था।

क्या आप स्नेहा के इस प्यार भरे सफर में जुड़ना नही चाहोगे? क्या आप स्नेहा के किरदार में अपनेआपको खोजना नही चाहोगे? गर स्नेहा के किरदार में कही आपको आपका गुज़रा हुवा कल दिखता है तो यकीन करिये प्यार अब भी दिल के किसी कोने में जिंदा है।

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"सफ़रनामा: यादों का एक सुनहरा दौर"

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सफर... बड़ा ही प्यारा शब्द है। हर कोई अपनी जिंदगी में सफर जरूर करता है, लेकिन यह बात उस सफर की है जो हम सब ने कभी न कभी तय किया है या फिर जिन्होंने नही किया है वे आनेवाले वक़्त में ज़रूर तय करेंगे।

बात है एक ऐसे सफर की जो हमें प्यार की अनुभूति करवाता है, हमको ऐसे इंसान से मिलाता है जिनको हम अपनी जान से भी ज़्यादा चाहते है। बात है ऐसे सफर की जो हमें जिंदगी में प्यार, दोस्ती के मायने समझाता है। बात है एक सफर की जो हमें दुनिया के उन खोखले, बेबुनियाद, दकियानूसी, घटिया विचारो से रूबरू करवाता है। बात है उस सफर की जो हमें सिखाता है कि दुनिया मे इन्सान की भावनाओ से भी ज़्यादा पैसा, धन, दौलत, इज़्ज़त, शोहरत, रुतबा ही सबसे बढकर है।

यह एक ऐसे सफर की शुरुआत है जिसे हमने कभी जिया है। दुनिया की अर्जित सारी पूंजी को खर्चकर भी जो फिर वे नही जिया जा सकता।

तो अपने उस बीते हुवे सुनहरे कल को फिरसे जी उठने के लिये आप सबको मैं आमंत्रित करता हूँ।

पढिये, "सफ़रनामा: यादों का एक सुनहरा दौर" इस मंगलवार को सिर्फ और सिर्फ मातृभारती पर, बिल्कुल निःशुल्क।

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मिखाइल: एक रहस्य के २२ अध्याय प्रकाशित हो चुके है, २३वा भाग जल्द प्रकाशित होगा, आपने अभी तक पढा की नही?
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मिखाइल: एक रहस्य का २०वा अध्याय प्रकाशित हो चुका है। आपने पढ़ा कि नही?

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लेकिन, जब इतने दिनों में जय की ओर से एक कॉल और मैसेज नही आया तो माहेरा दिल ही दिल उदास रहने लगी और सोचने लगी कि, क्या वह एक पल भर के लिए मुलाकात थी? क्या जय उसे प्यार भी करता था?  क्या वे अब फिरसे मिल पाएंगे? क्या जय अब फिर से भारत आएगा?यदि, वो भारत आएगा भी तो उसे बताएगा कि नही? इतने सारे सवालों ने माहेरा को अंदर से तोड़कर रख दिया था। लेकिन, फिर भी उसका दिल कही न कही ज़रूर जानता था कि, जय उसे कॉल ज़रूर करेगा और वो बस इसी इंतेज़ार में दिन गिन रही थी।

हुसैन चौहान द्वारा लिखित कहानी मिखाइल: एक रहस्य के आनेवाले अध्याय की एक छोटी सी झलक

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"ज़िन्दगी रहस्य और रोमांच से भरी पड़ी है। कोई नही कह सकता कि अगले पल क्या होनेवाला है। ऊपरवाले से बड़ा और कोई जादूगर नही।"

हुसैन चौहान द्वारा लिखी गयी मिखाइल: एक रहस्य आज ही पढ़े सिर्फ मातृभारती एप पर

-Hussain Chauhan

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Hussain Chauhan लिखित कहानी "मिखाइल: एक रहस्य - 15 - महान अकबर का मकबरा २" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
https://www.matrubharti.com/book/19893523/mikhail-a-suspense-15

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तलब है उस इश्क़ की मुझे
तेरे होंठ से जाम तू पिला दे,

बरसो से प्यासा है दिल मेरा,
आ चल, मेरे होंठो से तेरे होंठ मिला दे।।
#होंठ

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