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ArUu

ArUu Matrubharti Verified

@aruuprajapat6784
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अरावली—
भारत की प्राचीन प्रहरी,
धरती की दो अरब वर्ष पुरानी,
अडिग, अटल, अजेय कहानी।

वो सिर्फ़ पहाड़ नहीं, एक डाली,
थार का तट— उसकी दीवार आली।
मिट्टी की रखवाल, जन-जन की साँस,
राजस्थान की छाती, उसका विश्वास।

आदिवासियों की जन्मभूमि प्यारी,
आमजन की पहचान न्यारी
लूणी साबरमती बनास की जननी
पर खनन की चोटों ने
कर दी इन पहाड़ियों की छाती छलनी

जो ढाल थी कभी रेती आँधी से,
झुक गई आज व्यापार की बांधी से।
अगर कटी ये रीढ़ हमारी,
धूल उठेगी बनकर भारी।

फिर होगा प्यास, भूख का राज,
सन्नाटा, सूखा— उजड़ा साज।
प्रकृति तब प्रतिशोध करेगी,
विनाश की गर्जना भरेगी।

इसलिए बचाना है अरावली,
ये मिट्टी की माँ, हमारी सहेली।
रीढ़ जब टूटे— सभ्यता ढहती,
उजड़ी धरती, उजड़ी बस्ती।
ArUu ✍️

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और
जो वो खो जाए तो हीरा है,
मन न लगे तो पीड़ा है।
विकल, विछिन्न, विरहिणी-सी,
कभी राधा,
तो कभी मीरा है।

निःशब्द-सी व्यथा समाई,
अश्रु-धारा मन को भिगोती,
साँस-साँस में कृष्ण बसे हैं,
फिर भी अक्षि राह ताकती

लोक-लाज, कुल-रीति छोड़ी,
प्रीत की चादर ओढ़ चली,
जग ने समझा पागल मुझको,
मैं हर पीड़ा श्याम से जोड़ चली।

न मिलन माँगा, न प्रतिफल,
बस विरह में ही रस समाया,
मीरा का तो यही सौभाग्य—
पीड़ा में भी गिरधर को पाया

जब शब्द थक कर मौन हुए,
जब नेत्रों ने प्रश्न त्यागा,
तब विरह ही मेरा मंदिर बना,
और मीरा ने जाना—
यह जगत कितना अभागा।
ArUu ✍️

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अरावली—
भारत की प्राचीन प्रहरी,
दो अरब वर्ष पुरानी
धरा की अटल रीढ़।
वो केवल पहाड़ नहीं,
थार का तटबंध है,
इस मिट्टी की संरक्षक,
राजस्थान की साँस है।

आदिवासियों की जन्मभूमि,
आमजन की पहचान,
लूणी, साबरमती, बनास की जननी।
पर अब खनन की चोटों ने
कर दी इन पहाड़ियों की छाती छलनी ।

ये कभी राजस्थान की ढाल थी,
रेगिस्तान से लड़ने की दीवार थी।
किसी ने इसे वीरों की भूमि कहा,
पर अब इस पर अरावली की छाँव कहाँ?

अगर यह कटेगी—
तो होगा धूल का साम्राज्य,
नंगे घाव, प्यास ,भूख
और सन्नाटे का विस्तार।
फिर आरम्भ होगा प्रकृति का प्रतिशोध,
विप्लव, विनाश और विध्वंस के साथ।

और याद रखना—
अरावली बचेगी, तो थार रुकेगा;
अरावली गिरेगी,
तो रेत —
हमारे भविष्य पर राज करेगी।
ArUu ✍️

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मैं कभी किसी के सामने वो नहीं बन पाई जो मैं वास्तव में हूं !
पहन रखे है मैने ...नकाब हजारों🖤
ArUu ✍️

कुछ अर्ज़ है किताबी,
कुछ फ़र्ज़ है ज़िंदगी।
चेहरा बदलती रहती है ये,
पर मर्ज़ है ज़िंदगी।
बड़ी बेनकाब, बेशर्म,
निठल्ला-सा किरदार है ये ज़िंदगी।

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तुम कृष्ण के लिए या तो मीरा बन सकते हो या अर्जुन।
मीरा बनोगे तो भक्ति समझ पाओगे
और अर्जुन बनोगे तो शक्ति

Bahut मुश्किल होता है उस शख्स को जाने देना
जिसे हम उम्र भर थामे रखना चाहते थे
ArUu ✍️

एक जीवन में सबसे कीमती है
जीवन
ArUu ✍️

मेरे दूर की नज़र इतनी कमजोर हो गई है कि
मुझे अपना अच्छा-बुरा सही-गलत और
अब तो अपना फ्यूचर दिखना भी बंद हो गया है🤣

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**वे स्त्रियाँ जो सवाल नहीं करती,
रह जाती हैं खुद एक सवाल बनकर।
जो चुप रहती हैं,
उनकी खामोशी एक दिन दूसरों का फ़ैसला बन जाती है।
जो सहती जाती हैं,
वही सबसे पहले टूटती भी हैं।
जो मुस्कान ओढ़ लेती हैं,
सबसे गहरी चोटें भी वही छुपाती हैं।

जो झुक जाती हैं,
उनकी रीढ़ को कमज़ोरी समझ लिया जाता है।
जो सहन करती हैं,
उन्हें ही सहने का फ़र्ज़ थमा दिया जाता है।
जो अपने हिस्से का आसमान नहीं माँगतीं,
उनके सिर पर अधिकार नहीं—
बंधन रख दिए जाते हैं।

पर सच यह है—
जो स्त्री बोलती है,
वो हंगामा नहीं करती…
इतिहास बदल देती है।
और जो सवाल उठाती है,
वो सिर्फ़ अपनी नहीं—
पूरी पीढ़ियों की किस्मत लिखती है।**
ArUu ✍️

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