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वो सच्ची सखी मेरी समर्पित है मुझे पूर्णरूपेण मेरी हसी का हिस्सा वो उमर उलझ पगडंडी.. हमराही का किस्सा वो मैं उसके चाय की चुस्की🫣 वो मेरी दोपहर की झपकी🥱 गम हो तो पकड़े जाने के डर से उससे छुपती हूं मैं क्योंकि मेरे हंसते हुए चेहरे के पीछे की उदासी जानने में माहिर है वो और खुशी हो तो खिल जाती है वो मुझे देख कर...थोड़ा ज्यादा🤗 पर मान लो..... कुछ भी कहो हम दोनो का दिमाग मिला लो फिर भी होगा बस आधा😒 मां से कुछ कम पर सखी से थोड़ा ज्यादा ख्याल रखती है मैं बहुत खास हूं उसकी जिंदगी में कहती नहीं वो कभी पर हर वक्त मुझे अहसास करवाती है😌 बाते करते करते कई दफा हम चांद तक पहुंच जाते हैं पर एक दूसरे की टांग खींच जल्दी ही धरा पर लौट आते है 🤭 मैं अपने सारे राज उसके अधपके दिमाग में सहेज कर भूल जाती हूं तिजोरी है मेरी वो जिसे बस मैं अपने पासवर्ड से खोल पाती हूं।😍 ArUu💫✍️
मैं उसके खर्ची की पोटली वो मेरे नोट की गड्डी ❤️ ArUu
एक लड़का है जो मुझे बड़ा अच्छा लगता है बिन कहे समझ जाता है मुझे दर्द से कहराऊ मैं तो कुछ गम सताता है उसे इस झूठी जालिम दुनिया में मुझे बस वो सच्चा लगता है मेरी सफलता का हकदार हैं वो मेरी कठिन सफर का हमसफर है वो मेरा खर्चों और खुशियों का इंश्योरेंस है वो बहुत ज्यादा मासूम प्यारा सा बच्चा लगता है गुस्से में भी मुझे खोने का डर उसे डरावना लगता है रूठ जाऊ मैं तो उसे अपना संसार वीराना सा लगता है दिमाग से मजबूत और दिल से थोड़ा कच्चा लगता है कैसे कहूं मैं उसे .... मुझे वो हर हाल में अच्छा लगता है😌🙈 ArUu❤️
And finally the wait is over🥳 जिस लम्हे का इतना इंतजार किया वो आज आ गया आज राजकीय सेवा के दो साल पूरे कर लिए और हां आज ही वो दिन है जिसका इंतजार दिन रात किया । गिन गिन के कैसे दिन निकले ये मुझसे ज्यादा देविका समझ सकती है 😂 क्योंकि वो रोज याद दिला देती आज इतने दिन बचे है अपने प्रोबेशन को..पूरे दिन एक ही बात की रट लगाए रहते थे ...एक बार प्रोबेशन पीरियड पूरा होने दो फिर देखना😂ज्ञापन ,पेपर लीक,फर्जी अभ्यर्थी , स्टे के दौर में प्रोबेशन पूरा होना ही घरवालों के लिए असली उपलब्धि है बाकी मास्टर ,कंपाउंडर ,कृषि पर्यवेक्षक के लिए ये नॉर्मल है पटवारी सचिव के लिए तो स्थाईकरण भी झंडे गाड़ने के बराबर है... प्रोबेशन प्रोबेशन ही होता है 😄 चलो तो अब हम भी सरकार के स्थायी कर्मचारी बन जायेंगे और टेंशन के साथ सैलरी भी बढ़ जायेगी🥳 अब चलो फटाफट सब congratulations बोल दो😌 ArUu✍️
#Positive चलो आज बात कुछ यूं कर ले अपने अपने दायरो का हिसाब कर ले तेरे हिस्से में कितना तू आता है मेरे हिस्से में कितनी मैं चल ये बात भी आज साफ कर ले सवाल ये है कि... तेरे हिस्से में जवाब ही क्यों मेरे हिस्से में सवाल ही क्यों तेरे हिस्से में पूरी मर्जी तेरी मेरे हिस्से में सिर्फ इजाजत ही क्यों ? तुम्हें नहीं लगता ये जायज नहीं तेरे हिस्से में सिर्फ तू मेरे हिस्से में पूरी मैं भी नहीं क्यों न रिश्ता की इस दोहरे चेहरे की धूल भी साफ कर ले अपने अपने दायरो का हिसाब कर ले सवाल ये है कि... मुझे मेरे हिस्से में जीने के लिए तेरी इजाजत की जरूरत क्यों है ? हर रोज तेरी हां और ना के बीच घुटते रहने की जरूरत क्यों है ? ये सारे कायदे सारे बोझ मेरे हिस्से में क्यों है ? मेरा हिस्सा तेरे तंग दिल इजाजत का मोहताज क्यों है ? जब हिस्से बराबर है तो दस्तूर क्यों नहीं ? तू भी मेरी इजाजत की घुटन का बोझ उठाने के लिए मजबूर क्यों नहीं ?
मिट्टी से जुड़े लोग कभी बंजर नहीं होते क्योंकि धरा जानती है हर हाल में सहेजना❤️ -ArUu
मेरी दुनियां ... तेरा होना ही मेरे लिए जन्नत था...तेरा चले जाना जैसे मन्नत के सबसे मजबूत धागे का टूट जाना या टूट जाना उन असंख्य सपनो का जो तेरी गोद में सर रख मैने देखे थे। जब तूम हस्ती थी तो किसी मासूम परी सी लगती थी...तेरी उदासी मुझे बेहद डरावने तुफानों सी लगती थी...तेरा मुस्कुराना मुझे तपती गर्मी में भी बर्फ सी ठंडक का अहसास दे जाता... आज इतनी भीड़ में इतनी खुशी के मौके पर भी तुम्हारी कमी बहुत खलती है...ना चाहते हुए भी आंखे जलथल हो जाती है...आंखों की उदासी मुस्कुराते चेहरे को पराजित कर देती है...पर मैं जानती हूं... तुम मुझे सुन सकती हो मुझे महसूस कर सकती हो... मैंने देखा है यथार्थ में ना सही... सपनों में अक्सर जब में तुम्हें अपने पास चाहती हूं तुम हमेशा मेरे पास होती हो...जब कभी बहुत ज्यादा परेशान या बहुत ज्यादा खुश होती हूं तो तुम आती हो मुझे ये अहसास दिलाने की तुम आज भी मेरे पास हो और मुझे सुन सकती हो... जिंदगी में जब कभी त्रासदी हुई ...जब कभी परिस्थितिया विपरीत हुई तुम आई मुझे दिलासा देने मेरी हिम्मत बढ़ाने और खुशी के मौकों से ठीक पहले तुम हर बार आई मेरी खुशियों को दोगुना करने जैसे आज तुम आई थी वैसे हमेशा मुझे मिलने आती रहना मां ❤️
ए खुदा तू अपनी खुदायी संभाल मुझे तेरे इस खेल में शामिल नहीं होना जो वक्त बे वक्त बहता जाए आंसुओं का वो दरिया नही होना हर युग में अग्नि परीक्षा दे कर भी सीता सा ताउम्र वनवासी नही होना तू रचा ले रास हर गोपी के साथ पर मुझे तेरे विरह में राधा सा पागल नहीं होना जो टूट न पाए तुफानों से भी मुझे सब्र का वो गहरा बांध नहीं होना अब तू ही बता क्यों मैं अबला कहलाऊ क्यों पुरुष के नाम से जानी जाऊ क्यों मेरे पहचान की रवानी नहीं क्यों मेरी अपनी कोई कहानी नहीं क्यों हर युग में मर मर के जिऊ क्यों पवित्र हो कर भी मीरा सा जहर पीऊ क्यों मेरा वजूद भी मुझ से सवाल करे क्यों तेरा ये संसार मेरे जन्म पर भी बवाल करे पर मेरे सवालों का जवाब तेरे खुदा के पास भी नहीं होना सृष्टि निर्माण का आधार हो कर भी हर दफा यूं अपमानित नही होना तू लाख कर ले मनमानी पर मुझे तेरे इस खेल में शामिल नहीं होना
मैं हर उस परिस्थिति से अकेली लड़ी जब मुझे जरूरत थी की कोई मेरे साथ खड़ा रहे😌🙂 -ArUu
पंक्तियों की ओट में छुपा है एक पथिक थका हारा रुआसा बेहाल चला है पंक्तियों को परेशान करने फिर से एक नई पंक्ति बनाने वो जानता है पंक्तियां ही है जो उसके पथिक मन को राह दिखा सकती है पंक्तियां ही है जो समाज के सोए जमीर को जगा सकती है पंक्तियां ही है जो उसके कोमल हृदय को समझ सकती है पंक्तियां ही है जो जानती है उसके जख्मों की कहानी पंक्तियां ही है जिससे साझा करता है अपना जीवन पंक्तियां ही है जो बढ़ाती है उसका हौसला हर बार पंक्तियां ही है जो लाती है क्रांति इस संसार में पंक्तियां ही है जो करती है विद्रोह मानव मन में पंक्तियां ही है जिसने उसे और इस सोई हुई दुनिया को हर बार जगाया पंक्तियां ही है उसकी सच्ची और सबसे अच्छी मित्र -ArUu
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