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Krishna

Krishna Matrubharti Verified

@alpabhadra1989gmail.com2965
(990)

આજ બેઠી હું નવરી જરાક ને, ખોલ્યું કબાટ પુરાણું,
એમાં મળી પોટલી એક સાચવેલી, થોડી જૂની પણ મજાની,

અલક મલકનાં ફોટા એમાં, જાત જાતની વાતો,
આપણે સાથે ગાળેલા સમયની, મસ્ત મજાની યાદો,

ખાવું પીવું સંગે કરતા, ભણવા કરતાં વધારે રખડતા,
કરી એકબીજાની મસ્તી, આપણે ખોટે ખોટા લડતા,

થોડા દિવસનાં અબોલા તારા, મને કાંટાની જેમ ચુભતા,
કરું બીજાઓને રાવ તારી, એ સૌ તને ખટક્તા,

યાદોની તારી માલગાડી,આજ નોન સ્ટોપ જાય છે,
કહું એને થોભી જા જરા, હજુ તો દોસ્તીનો દિવસ આવે છે,

કેવી મોટી મજાની કેડબરી ને રૂ જેવો પોચો ટેડી,
તે કહ્યું ચલ આજ બંક કરીએ,ને હું તો થય ગયી રેડી,

સફર એ આપણી દોસ્તીનો, આજીવન અમૃત સમાન છે,
ભલે આપણે દુર હોઈએ કે પાસ, પણ આમાં હજુ શેરડી સમ મીઠાશ છે.

B+ve

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Krishna લિખિત વાર્તા "કિન્નર! શ્રાપ કે આશિર્વાદ - 2" માતૃભારતી પર ફ્રી માં વાંચો
https://www.matrubharti.com/book/19942562/kinnar-2

Krishna લિખિત વાર્તા "કિન્નર! શ્રાપ કે આશિર્વાદ - 1" માતૃભારતી પર ફ્રી માં વાંચો
https://www.matrubharti.com/book/19941697/kinnar-1

શબ્દોએ મિજબાની આપી, રાગ રંગને નિમંત્ર્યા છે,
શેર, કવિતા, ગઝલો એ, ભર ઉત્સાહે ભાગ લીધો,
મૌન આવ્યો ઓઢીને શાંતિની એક ચાદર,
ભરી આંખે એણે મહેફિલ નો નઝારો લીધો,

વાચા આવી લાગણીને એણે સાથ પણ શબ્દોનો લીધો,
શબ્દોને પણ મજા પડી એમણે તાલ શાયરીનો હાથે લીધો,
ગઝલ કહે હું કેમ રહું પાછી હું પણ સુરને સાથે લાવી,
મૌન બિચારો એકલો રહ્યો, આ સુરમયી સભા નિહાળી,

શાંતિએ ખોળામાં મૌનના માથું મૂક્યું ઢાળી,
અશ્રુઓ પણ એની સંગ દોડ્યા મૌનની આંખો નિહાળી,
હોઠોએ મંદ સ્મિત રેલાવી સૌને પાછળ દીધાં પાડી,
મૌનની થઈ જીત,શબ્દો ને સુરો તો જોતા જ રહ્યા આંખો ફાડી,

મહેફિલ હતી જે સુર સંગીતની, એ મૌનની બની ગયી,
એક વણબોલેલી બોલી બધુજ બોલી ગયી,
શબ્દોની મહેફિલમાં મૌનની જયજયકાર થઈ,
ને એ મહેફિલ મૌનની મહેફિલ જાહેર થઈ.

B+ve

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इंटरनेशनल वूमन्स डे


नहीं चाहिए मुझे ये चका चौंध रोशनी,
नहीं चाहिए इसी जगमगाहट एक दिन वाली,
गर' दे सकते हो तो दो मुझे सम्मान एसेही उम्रभर।

ये एक दिन की मोहताज मुझे उस ईश्वर ने तो नहीं बनाया,
उसने भी तो सर्वत्र नारी पुज्यते का स्लोगन भी है अपनाया,
गर' दे सकते हो मुझे तो एक दरिया सा उफान ही दो।

ना काटो पंख मेरे, मैं भी उड़ना चाहती हूं,
मत डालो बेड़ियां संस्कारों वाली मैं सब सही से निभाना जानती हु,
गर' देना है तो दो मुझे मेरे हक का एक टुकड़ा आसमान, क्योंकि मैं, बादलों में भी प्यार भरना जानती हु।

गर' देनाही है साथ मेरा तो मेरे कंधेसे कंधा मिलाओना,
कदमसे कदम मिलाकर मेरे साथ सफर तै कर्जाओ,
संभालो नजर अपनी (तुम पुरुषों) थोड़ी इंसानियत भी दिखाओना,
राह चलती किसीभी स्त्री पे तुम व्यंग कटाक्ष फैलाओ ना।

दिलमे अपने तुम भी कभी राम अल्लाह गौतम बिठाओना,
मेहफूज समझे हर स्त्री खुदको तुम ऐसा माहौल बनाओना,
नहीं जरूरत मुझे ऐसे किसी एक वूमन्स डे के दिनकी,
देना है तो दो साथ साथ कदम मिलाके, बस एहसान कुछ जताओ ना।

तुम्हारे जुखाम तक को मैं एक नर्स की तरह ट्रीट करती हु,
तुम बस जरासा मेरा पीरियड के और प्रिगेंसी को समझो ना,
नहीं कहती मैं की मेरे हाथ पैर तुम दबाओ,
बस प्यारसे मेरा सर दबाओना, मुझे शांति का अनुभव कराओना।

तुम जाओ अपने दोस्तों संग गप्पे गोष्टी कर आओना,
जाने दो कभी मुजेभी मेरे दोस्तो संग, बस इतना विश्वास दिखाओ ना,
मैने तुम्हारा घर संभाला, बच्चे संभाले, मां बाप और सारे रिश्ते जोड़े,
तुम भी ऐसे निस्वार्थ भावसे मेरी गलतियों को गले लगाओ ना,
नहीं चाहिए मुझे ये एक दिन का सम्मान, तुम हर दिन को ही
वूमन्स डे बनाओ ना।

B+ve

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આ રંગોની દુનિયા પણ કેવી જોરદાર છે ને સાહેબ,
પોતાનો રંગ બીજાને ચડાવવા લોકો કેવા ઘેલા બની જાય છે.

B+ve

-Krishna

ભજું નાથ શંભુ,હું છોડી મનનાં ભરમ,
હો નાથ મારા ભોળા, શિવોહમ્ શિવોહમ્,

અજન્મો તું ભોળો, સદા વર દેતો પ્યારો,
હો નાથ મારા વ્હાલા, શિવોહમ્ શિવોહમ્,

અનાદ વેણુ શંકરા, ઉમા નાં પ્રાણ પ્યારા,
હો નાથ નીલકંઠા,શિવોહમ્ શિવોહમ્,

ત્રીનેત્રે અગ્નિ વર્ષા, માથે ચંદ્રમા સરસા,
હો ગંગાધર પ્યારા, શિવોહમ્ શિવોહમ્,

દાનવો પણ રીજાવે, મન માંગ્યા વચનો પાયે,
હો સદા કરુણા વાળા, શિવોહમ્ શિવોહમ્,

ગનું કાર્તિકેય નાં પ્યારા, ઓખાના તારણહારા,
ક્રિષ્ના નાં મોહનને પણ પ્યારા, શિવોહમ્ શિવોહમ્.


B+ve

-Krishna

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Krishna લિખિત વાર્તા "સુવર્ણમય દાંપત્ય નો છૂપો રહસ્ય" માતૃભારતી પર ફ્રી માં વાંચો
https://www.matrubharti.com/book/19938952/the-hidden-secret-of-golden-marriage

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विवाह के बाद पहली बार मायके आयी बेटी का स्वागत सप्ताह भर चला।
सप्ताह भर बेटी को जो पसन्द है, वो सब किया गया।वापस ससुराल जाते समय पिता ने बेटी को एक अति सुगंधित अगरबत्ती का पुडा दिया और कहा कि पुत्री तुम जब ससुराल में पूजा करोगी तब यह अगरबत्ती जरूर जलाना...
माँ ने मन्द स्वर में कहा-
बिटिया प्रथम बार मायके से ससुराल जा रही है, तो भला कोई अगरबत्ती जैसी चीज देता है?
पिता ने झट से जेब मे हाथ डाला और जेब मे जितने भी रुपये थे, वो सब बेटी को दे दिए...

ससुराल में पहुंचते ही सासु माँ ने बहु का बैग टटोला और पूछा कि तुम्हारे माँ बाप ने बिदाई में क्या दिया, कुछ विशेष न मिलने पर उनकी नजर अगरबत्ती का पुडे पर पड़ी । क्रोधवश सासु माँ ने मुंह बना कर बहु को बोला कि कल पूजा में यह अगरबत्ती लगा लेना...
सुबह जब बेटी पूजा करने बैठी, अगरबत्ती का पुडा खोला तो उसमे से एक चिट्ठी निकली-
लिखा था...
बेटी यह अगरबत्ती स्वतः जलती है, मगर संपूर्ण घर को सुगंधित कर देती है। इतना ही नही, आजू-बाजू के पूरे वातावरण को भी अपनी महक से सुगंधित एवं प्रफुल्लित कर देती है...!!
हो सकता है की तुम कभी पति से कुछ समय के लिए रुठ जाओगी या कभी अपने सास-ससुरजी से नाराज हो जाओगी, कभी देवर या ननद से भी रूठोगी, कभी तुम्हे किसी से बाते सुननी भी पड़ जाए, या फिर कभी अडोस-पड़ोसियों के बर्ताव पर तुम्हारा दिल खट्टा हो जाये, तब तुम मेरी यह भेंट ध्यान में रखना -
अगरबत्ती की तरह जलना, जैसे अगरबत्ती स्वयं जलते हुए पूरे घर और सम्पूर्ण परिसर को सुगंधित और प्रफुल्लित कर ऊर्जा से भरती है, ठीक उसी तरह तुम स्वतः सहन करते हुए ससुराल को अपना मायका समझ कर सब को अपने व्यवहार और कर्म से सुगंधित और प्रफुल्लित करना...
बेटी चिट्ठी पढ़कर फफक-2 कर रोने लगी, सासू माँ दौड़कर आयी, पति और ससुरजी भी पूजा घर मे पहुंचे जहां बहु रो रही थी।
"अरे हाथ को चटका लग गया क्या? -पति ने पूछा

"क्या हुआ यह तो बताओ- ससुरजी बोले।
सासु माँ आजू बाजू के सामान में कुछ है क्या- यह देखने लगी
तो उन्हें पिता द्वारा सुंदर अक्षरों में लिखी हुई चिठ्ठी नजर आयी, चिट्ठी पढ़ते ही उन्होंने बहु को गले से लगा लिया और चिट्ठी ससुरजी के हाथों में दी।
चश्मा ना पहने होने की वजह से चिट्ठी बेटे को देकर पढ़ने के लिए कहा...
सारी बात समझते ही संपूर्ण घर स्तब्ध हो गया।
"सासु माँ उच्च स्वर में बोली अरे यह चिठ्ठी फ्रेम करानी है, यह मेरी बहू को मिली हुई सबसे अनमोल भेंट है, पूजा घर के बाजू में ही इसकी फ्रेम होनी चाहिए ।

और फिर सदैव वह फ्रेम अपने शब्दों से सम्पूर्ण घर, और अगल-बगल के वातावरण को अपने अर्थ से महकाती रही, और अन्ततः अगरबत्ती का पुडा खत्म होने के बावजूद भी...
क्या आप भी ऐसे संस्कार अपनी बेटी को देना चाहेंगे ...

" बेटियां दो कुलों को महकाती है

-Krishna

cp

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"नाश्ता कर लिया?"

"हॉं, कर लिया और अब कॉन्वेय बस चलने ही वाला है।"

"सुनो ना!"

"बोलो ना, तुम्हारी न सुनूं इतनी मेरी मजाल कहाँ। हाहाहा।"

"तुम न बहुत खराब हो। एक तो इतनी जल्दी चले गए और अब परेशान भी कर रहे हो।"

"अरे परेशान कहाँ कर रहा हूँ, बस तारीफ ही तो कर रहा हूँ तुम्हारी। अच्छा बताओ क्या कह रही हो?"

"वो चिंटू और बबली तुम्हारे जाने के बाद से बहुत परेशान हैं। चिंटू तो फिर भी खेल कूद में लग जा रहा है लेकिन बबली बस पापा पापा की ही रट लगाए है। माँ जी अलग ही रोये जा रही हैं। उन्हें जितना समझा रही हूँ वो उतना ही रो रही हैं। बाबूजी ने कल रात को खाना नही खाया। बोले मन नही है। मन कैसे होगा। तुम जो चले गए हो।"

"और तुम्हारा क्या हाल है?"

"तुम्हे नही पता क्या?पता नही ये मुई छुट्टियां इतनी जल्दी खत्म क्यों हो जाती है?....….…अच्छा सुनो, मैं ये कह रही थी कि इस बार अपने रिटायरमेंट की बात करना। बहुत साल देश की सेवा कर ली। अब परिवार को भी तुम्हारी जरूरत है। अब बच्चे बड़े हो रहे हैं, उनको भी अपने पिता के साथ की जरूरत है। अब रिटायरमेंट ले ही लो।"

"हाँ, बात करूँगा, लेकिन फिर भी कुछ समय तो लग ही जायेगा। फिर भी मैं जल्दी ही आ जाऊंगा तुम्हारे पास।"

"सुनो मैं कह ....….."

"हेलो हेलो.....तुम्हारी आवाज नही आ...हाँ अब आ गयी बोलो।"

"मैं कह रही थी कि आज वेलेंटाइन डे हैं और तुम्हे भी आज ही जाना था। कुछ दिन रुककर चले जाते।"

"अरे मेरी जान, मेरे प्यार की दो निशानियाँ तो हैं ना तुम्हारे पास और मैं कौन सा हमेशा के लिए गया हूँ, जो तुम.........…."

"हेलो... अब तुम्हारी आवाज नही आ रही है।"

"बोलो बोलो, सुन रहा हूँ।"

"मैं ये कह रही थी कि हैप्पी वैलेंटाइन डे। आई लव यू।"

"हाहाहा, अरे मुझे तो पता है ये.....…...…..."

"हेलो हेलो......…आवाज नही आ रही"

"हेलो हेलो, तुम्हारी आवाज भी नही आ रही, शायद सिग्नल चला गया है। अरे फोन ही कट गया। अरे बिल्कुल ही सिग्नल चला गया। चलो कोई बात नही मैं व्हाट्स एप्प पर वॉइस नोट डाल देता हूँ।"

व्हाट्स एप्प पर वॉइस रिकॉर्डिंग वाला बटन दबाकर, " सुनो मेरी जान, वेरी वेरी हैप्पी वेलेंटाइन डे। मैं तुमसे बहुत से भी बहुत ज्यादा प्यार करता हूँ। तुम हो तो मेरी दुनिया में सबकुछ है। मेरे शरीर में खून के साथ तुम्हारा इश्क़ बहता है। मुझे पता है कि तुम घर में सबको संभाल लोगी, लेकिन अपना भी ख्याल रखना। याद रखना मुझे दुनिया में सबसे ज्यादा सिर्फ तुम्हारी हँसी पसंद है। आई लव यू सो..........धड़ाम, धड़ाम........."

शरीर लहूलुहान हो गया था लेकिन आँखे बंद होने तक सिर्फ अपने हाथ में पकड़े मोबाइल पर उस वॉइस नोट के सही पते पर पहुंचने के इंतजार में मोबाइल ही देखती रहीं। पहले एक टिक, फिर दूसरी और फिर दोनों नीली धारियाँ।

लेकिन यह आखिरी बात न थी जो उसने अपनी पत्नी के लिए कही थी। आखिर वो सिर्फ पति नही बल्कि एक पागल प्रेमी भी था।

"आईऽऽ ......लवऽऽऽ .......यूऽऽऽ" .....और साँसे थम गईं।

वो डेढ़ मिनट का वॉइस नोट पत्नी इतने सालों में अनगिनत बार सुन चुकी है, लेकिन आखिरी के पाँच सेकंड उससे सुने नही जाते।

आज भी वैलेंटाइन डे है, उसके पति की बरसी!
#पुलवामा #valentines #इंडियन_आर्मी

-Krishna

cp😞😞😞🙏🙏🙏

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