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आज बैठे घर में ख़ाली सोच रहा था मैं, कैसे कुछ लोग मार सकते है doctors को जिनके हाथों में है देश। जो दिन रात प्रहरी बन...कर रहे है सेवा, कैसे कोई अनदेखा कर दे उन police वालों की सेवा। क्या इसी दिन के लिए भगत सिंह ने दी थी क़ुर्बानी अपनी, उज्ज्वल भारत का सपना लेकर गांधी चले थे दाँडी। ऐसी महामारी में जहाँ इंसान का वजूद हो ख़तरे में, कैसे भूल सकते है हिंदुस्तानी यहाँ अपनी अपनी ज़िम्मेदारी।। #stay home #safe India #उज्ज्वल
ये बात मैंने ज़िंदगी से सीखी है , हँसने का हुनर मैंने लड़ कर सीखी है। हर वक्त एक शक्स का इंतेज़ार करना ईमान की बात है, लेकिन वो न आएगा ये पता होने पर भी करना ग़लत बात है। लड़ना , हारना और फिर खड़े होकर लड़ना, न रुकना कभी जीवन में ...बस इतना-सा सार है। मौक़ा मिलेगा तुझे भी बस कर इंतेज़ार अपने वक्त का, ये ही न्याय और सार है जीवन का । #सार - A A Rajput ‘अक्श’
औरत...सिर्फ़ शब्द नहीं..एक महान ग्रंथ है, जिसमें मिलते वो हर विलक्षण गुण...जो सिर्फ़ भगवान में है । औरत से ही दुनिया...उसी से सृष्टि का आरम्भ है, जिसमें मिलती आकर करुणा की सागर...उसी से जन्मता त्याग है । ईश्वर भी जिसके बिन है अधूरा..वो शक्ति और लक्ष्मी का अवतार है , ख़ुद भगवान भी लेते जन्म जिस प्रेम को पाने को..वो ममता मिलती ‘माँ’ में है। एक औरत..जो कई रूप समेटे ख़ुद में..हर किरदार निभाती है, कभी माँ बनकर पुचकारना तो कभी पत्नी बन साथ निभाती है । औरत...सिर्फ़ शब्द नहीं...एक महान ग्रंथ है ।। #happy #women ’s #day -A A Rajput ‘अक्श’
ये कैसा दीवाना था भारत माँ का ‘भगत’.... झूमते हुए जेल के गलियारे में,फंदे को भी उसने चूम लिया। ऐसी शहादत न देखी थी कभी किसी ने, ख़ुद माँ भारती ने उस शहीद-ए-आज़म का माथा चूम लिया. #kiss #unconditional #loveformotherland The best kiss I have ever seen... -A A rajput ‘अक्श’
यहाँ धर्म के नाम पर लड़ाईया होती है , हाँ हमारे देश में भाईचारा होती है । यहाँ इंसानो को सरेआम मारा जाता है , हाँ हमारे देश में इंसानियत रहती है । यहाँ कुछ लोगों के कहने पर जुलूस निकलता है , हाँ हमारे देश में बोलने की आज़ादी होती है। यहाँ फ़क़ीरों और संतो ने ईश्वर को बाँट रखा है , हाँ हमारे देश में धर्म निरपेक्ष को सज़ा रखा है । यहाँ नेताओ ने देश बाँट रखा है, हाँ हमारे देश में एकता बनाये रखा है । यहाँ ग़द्दारों ने देश को बचाने का दावा कर रखा है, हाँ हमारे देश में सैनिको को मोहरा बना रखा है । यहाँ लोगों को अधिकार के नाम पर देश रोकने का अधिकार दिया है , हाँ हमारे देश में मौलिक अधिकारो को संविधान ने दिया है । यहाँ सभ्यता के नाम पर एक दूसरे को नीचा दिखाया जाता है , हाँ हमारे देश में गंगा जमुना तहज़ीब को बढ़ावा दिया जाता है ।। #be indian #be human -A A Rajput ‘अक्श’
आज रिश्ते -ज़रूरत या ईश्वरीय देन का भाग-२ प्रकाशित हुआ है ।क़दम क़दम कर अपनेमंज़िल को छोटा कर रहा हूँ और लेखन मेंएक नयें अनुभव प्राप्त कर रहा हूँ। Plz support and advice
इन हवाओ को कह दो के तुम्हें छू कर मेरे घर न आए , तेरी ख़ुशबू को ये मेरे ज़हन से भूलने नहीं देते , तू रोक सकती है इन्हें...तो बहाना मत बनाना, मैं जानता हूँ........ इश्क़-ए-समंदर को तूने अल्फ़ाजो से रोका था , मैं जानता हूँ....... और हाँ....; एक आख़री मर्तबा मेरा एक काम कर दे इन आँखो को मेरी हुआ क्या है...बस मर्ज़ बात दे ... तेरे चेहरा हर किसी में दिखता है... कोई दवा हो तो बस आख़री बार बता दे ...... - A A राजपूत ‘अक्श ‘
तू आज भी वही जगह लिए बैठी है दिल में.. ये इश्क़ नहीं तो और क्या है ! तेरे सिवा अब कोई नहीं आता दिल में .. ये इश्क़ नहीं तो और क्या है! तू किसी और की चाहत है ये इल्म है मुझे.. फिर भी टूट कर चाहना तुझे ...ये इश्क़ नहीं तो और क्या है ! पता है मुझे..तू नहीं आएगी लौट वापस ... फिर भी तेरा पागलो सा इंतज़ार..ये इश्क़ नहीं तो और क्या है !!!! #unexpected #uncoditional #love - A A rajput ‘अक्श’
बचपन की सुबह भी क्या सुबह थी ... माँ के गोद में आँखें खुलती थी सूरज के कोई मायने न थे ... बस माँ को ही सूरज समझते थे ... माँ की हँसी सूरज की रोशनी बन ... मेरे चेहरे को रोशन करती थी ... बेटा कहकर मुझे पुचकारना.... दिन भर का जोश दे जाती थी .... बचपन की सुबह भी क्या सुबह थी ....। “शुभ प्रभात “ -A A राजपूत ‘अक्श’
नमस्कार दोस्तो ...; किसी भी चीज़ की शुरुआत एक छोटे क़दम से ही होती है .. फिर चाहे वो मकान बनाने के लिए ईंट रखना हो या लेखन के लिए कहानी ... बस उसी एक क़दम को मैंने आज रखा है .... धन्यवाद
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