आदित्य कृतिका से कहता है ----
आदित्य :- कुछ नही , शांत रहो ।
रमेश :- यार आदित्य, कृतिका सही बोल लही है यार , ठिक है उसे तेरे साथ नही रहना पर जब तक तुम दोनो अलग नही हो जाते तब तक तो वो ऐसा नही कर सकती ।
रश्मी : - रमेश ठिक बोल रहा है आदित्य , और वैसे भी अगर उसे बाहर आना ही था तो कही और चली जाती , जब उसने दैखा के तुम यहां पर हो तो कम से कम उसे यहां से चले जाना चाहिए था ।
आदित्य :- दैखो , तुमलोग इतना मत सोचो , उसे जो करना है उसे वो करने दो ।
इधर जानवी और विकास एक दुसरे से बात कर रहे थे । तभी वहां पर मोनिका और विक्की आ जाता है कृतिका ये दैखकर कहती है ---
कृतिका :- ये मोनिका इसे भी अभी आना था ।
मोनिका आदित्य और कृतिका को दैखकर कहती है ---
मोनिका: - अरे वाह ये सब भी यहां पर है , क्या बात है , शादी की पार्टी अभी भी चल रही है क्या ।
इतना बोलकर मोनिका हसने लगती है । तभी मोनिका की नजर जानवी और विकास की और जाती मोनिका जानवी के पास जाती है और कहती है ----
मोनिका :- अरे वाह , मुझे तो लगा था के यहां पर शादी का पार्टी चल रहा है , पर यहां पर तो कुछ और ही चल रहा है । बीवी किसी और की और लंच किसी और के साथ , वाह ये पहली बार दैख रही हूँ ।
मोनिका की बात को सुनकर जानवी आदित्य की और दैखती है पर आदित्य अब भी चुप था , मोनिका अपनी बात जारी रखते हूए कहती है -----
मोनिका :- चलो जो भी अच्छा ही हूआ , आखिर तुमने भी अपना रास्ता चुम ही लिया । मैने तो पहले ही तुमसे कहा था के ये एक नम्बर का लूजर और फ्राड है , पर फिर भी तुमने इससे शादी कर ली , पर कोई बात नही दैर आए दुरुस्त आये । शादी के दो दिन बाद ही अगल होने का फैसला लिया ।
कृतिका: - मोनिका, अपनी हद मे रहो ।
मोनिका :- अहां हां ... हद मे रहो , पहले तो बड़ी - बड़ी बाते करती थी , पर अब क्या हूआ । इस भिखारी का असलियत पता चल गया ना , तुम लोगो ने क्या समझा था के जानवी को तिवारी मेंशन बूक करा कर मंहगे मंहगे कपड़े खरीदकर दोगे तो जानवी को फसा लोगे ? फटिचर चाहे कुछ भी कर ले , रहता तो वो फटिचर ही रहता है ।
कृतिका :- जब तुम्हें कुछ पता ना हो तब कुछ भी मत बोलो ।
मोनिका :- अच्छा, मुझे कुछ नही पता , तो फिर ये क्या है , मेरे आखो के सामने है सब कुछ , जानवी के लिए विकास ही अच्छा लाइफ पार्टनर बन सकता है और ये बात जानवी अब समझ चुकी है । आदित्य के पास है ही क्या , या पता नही जानवी को शायद फस्ट नाईट मे कुछ और ही पता चला है ।
इतना बोलकर मोनिका हसने लगती है , पर आदित्य चुप चाप वहां पर बैठा था । कृतिका जानवी की और दैखती है पर जानवी मोनिका के बातो पर कोई भी जवाब नही देती है , मोनिका आदित्य की बेज्जती किये जा रहा था और जानवी बस चुप चाप बैठी थी ।
कृतिका :- मोनिका, बहोत हो गया तुम्हारा ड्रामा ।
मोनिका :- क्या कहा ड्रामा , मैं ड्रामा कर रही हूँ , और तुम लोग जो इतनो दिनो से किया वो क्या था । जब औकात ना हो ना तब दिखावा भी भारी पड़ जाता है । और तुम आदित्य, तुम्हें क्या लगा था के तुम एक अमीर लड़की को फसा कर उससे शादी कर लोगे ताकि मुझे निचा दिखा सको । आज खुद दैख लो अपनी हालत , जिससे खुद की बीवी दो दिन मे ही छोड़कर चली जाए , उसे तो मर जाना चाहिए ।
मोनिका आदित्य के पास जाती है और कहती है ---
मोनिका :- तुम्हारे साथ तो यही होना चाहिए था । तुम भिखारी सब कुछ कर तो नही सकते बस सपने बड़े बड़े देखते हो ।
तभी वेटर वहां पर बिल लेकर आता है , तो मोनिका कहती है ----
मोनिका :- तुमने गलत टेबल पर बिल लेकर आ गए , इन लोगो की औकात नही है बिल पे करने की , क्यों सही रहा ना आदित्य, तुमने इसिलिए तो शादी किया था जानवी से ताकि अच्छे पार्टी मे जा सको , अच्छे होटल मे खाना खा सको । जानवी ने ही तुम लोगो को यहां पर बुलाया होगा । ताकि तुम सब ऐसे होटल मे खा सको ।
आदित्य चुप चाप अपने पॉकेट से पैसा निकालता है और दे देता है। मोनिका फिर कहती है ----
मोनिका: - अ.... गुस्सा आ गया , पर गुस्से मे भी तुमने अपना ही नुकसान कर लिया । अब हमसे भी क्या सरमाना , पैसा उठा लो , जानवी है ना और अगर जानवी ना दे तो मैं हूँ ना , क्यो बेबी ( विक्की ) ।
विक्की :- हां , आदित्य , तुम ये पैसे ले जाओ , क्या पता तुम लोगो के पास रिक्सा का भी पैसा होगा के नही ।
रमेश :- अपनी हद रहो विक्की , वरना ...!
आदित्य रमेश को रोक लेता है । पर रमेश फिर आदित्य से कहता है ।
रमेश :- आदित्य अब समय आ गया है के ...
आदित्य :- चलो , चलो यहां से ।
आदित्य सभी को लेकर वहां से चला जाता है । शाम का समय था आदित्य घर मे डिनर रेडी करके रखा था । तभी वहां पर जानवी आ जाती है , जानवी आदित्य को दैखकर अपनी नजरे चुरा कर वहां से जाने लगती है , तभी आदित्य कहता है ---
आदित्य :- अरे जानवी आ गई तुम , आ जाओ डिनर रेडी है ।
आदित्य के ऐसे बर्ताव से जानवी हैरान थी सुबह जो कुछ भी हूआ , उससे जानवी को लगता रहा था के आदित्य उससे नाराज या गुस्सा होगा । पर जानवी ये दैखकर हैरान थी के आदित्य एकदम नॉर्मल विहेब कर रहा था , जैसे कुछ हूआ ही नही था ।
जानवी आदित्य से कहती है ---
जानवी :- वो मैं खाना खा के आयी हूँ । वो विकास ने जबरदस्ती की तो मैं ...
आदित्य :- ओ हां , अच्छा कोई बात नही , तुम जाओ आराम करो , थक गई होगी । और आगे से अगर बाहर खा के आओ तो ओक बार बोल देना, ताकि खाना बर्बाद ना हो ।
जानवी हां मे सर हिलाती है और वहां से कमरे मे चली जाती है , जानवी अपना कपड़ा चेंज करके बाहर आती है तो दैखती है के आदित्य अपना बर्तन साफ कर रहा था । जानवी आदित्य को दैखे जा रही थी । जानवी हैरान थी के सुबह इतना कुछ होने के बाद भी आदित्य एक दम शांत था ।
To be continue...247