अशोक की बात को सुनकर जानवी बहोत इमोशनल और कंफ्यूज हो जाती है । वो सौच मे पड़ जाती है के वो क्या करे । इधर जानवी के पापा है तो उधर उसका प्यार विकाश । जिसे जानवी बेहद प्यार करती है । अशोक आदित्य के इस बेबाक अंदाज से बहोत हैरान हो जाता है । जो बात वो जानवी से कह नही पा रहा था वो आदित्य ने बिना किसी झिझक के कह डाला । अशोक मन ही मन सौचने लगता है काश ऐसा कोई लड़का उसका दामाद होता ।
इधर आदित्य मोनिका के घर पहूँच जाता है । आदित्य को दैखकर मोनिका की माँ रेखा और उसके पापा रघुनाथ हैरान हो जाता है । तभी रघुनाथ आदित्य से कहता है ।
रघुनाथ: - अरे आदित्य बेटा । तुम इस वक्त यहां और ये चोंटे कैसे आई तुम्हें । आओ अंदर आओ बेठो बेटा । रेखा तुम जरा पानी लेकर आना ।
रेखा आदित्य के लिए पानी लाने चली जाती है । तभी रघुनाथ आदित्य से पुछता है ।
रघुनाथ: - ये सब कैसे हूआ बेटा ?
आदित्य: - ये सब कुछ नही है अंकल । वो एक गाड़ी से टक्कर हो गई थी , जिस वजह से ऐसा हूआ ।
तभी वहां पर रेखा हाथ मे पानी का ग्लास लाते हूए कहती है ।
रेखा :- किसकी गाड़ी थी जो ऐसे अंधे की तरह गाड़ी चला रहा था ।
आदित्य :- वो अशोक मुखर्जी की गाड़ी थी ।
इतना बोलकर आदित्य उन दोनो सारी बात बोलकर सुनाता है । आदित्य मोनिका की माँ और पापा को इतना सांत और उसके साथ इतना अच्छा व्यवहार करने से आदित्य पूरा हैरान है । आदित्य पानी पी रहा था के तभी रेखा आदित्य से पूछती है ।
रेखा :- आज अचानक ऐसे यहां पर कुछ काम था क्या बेटा ।
रघुनाथ: - कैसी बात कर रही हो रेखा । वो यहां कभी भी आ सकता है । ये भी तो उसी का घर है । आखिर आदित्य इस घर का होने वाला दामाद है ।
रेखा :- मेरा वो मतलब नही था । वो मोनिका घर पर नही है तो इसिलिए मैने ऐसा पूछा ।
रघुनाथ और रेखा से इस तरह का बात सुनकर आदित्य हैरान था । जिस तरह से मोनिका ने कहा था के उसके माँ बाप ने ही उसकी शादी किसी और से तय कर दी है ।
एपिसोड 3
आदित्य रेखा और रघुनाथ की और दैखते रह जाता है तब रघुनाथ आदित्य से कहता है ।
रघुनाथ: - क्या बात है बेटा । तुम कुछ परेशान लग रहे हो ? क्या बात है बताओ ।
आदित्य: - अंकल वो बात ये है के ।
इतना बोलकर आदित्य मोनिका के माँ और पापा को सब कुछ बोलकर सुनाता है। जिसे सुनकर दोनो हैरान हो जाता है । तभी रेखा रघुनाथ कहती है ।
रेखा :- ये तुम क्या बोल रहे हो बेटा । मोनिका ने ऐसा कहा ?
रघुनाथ: - पर उसने ऐसा क्यु कहा ।
आदित्य: - पता नही अंकल । मुझे भी कुछ समझ मे नही आ रहा है ।
रघुनाथ: - बेटा तुम चिंता मत करो , मैं मोनिका से बात करुगां ।
आदित्य वहां से उठकर जाने ही वाला था के तभी वहां पर मोनिका भी आ जाता है । मोनिका आदित्य को दैखकर हैरान हो जाती है । मोनिका आदित्य के पास जाती है और गुस्से से कहती है ।
मोनिका :- तुम यहां । तुमको मना किया था ना के आज के बाद तुम मुझसे मिलने की कोशिश मत करना । तुम्हें कुछ समझ मे नही आती है क्या ?
आदित्य: - समझ तो मुझे पहले ही जाना था । पर दुख: एक बात का ये है के तुमने मुझसे झुट बोला के तुम्हारी शादी किसी और से तय हो गई है और वो भी तुम्हारे माँ और पापा ने जबरदस्ती करा रहे है । ये सब क्यों किया मोनिका ? ऐसा क्या हो गया जो तुम्हें मुझसे झुट बोलना पड़ा ।
मोनिका :- जानना चाहते हो मैने ऐसा क्यों किया । तो सुनो । मैं तुमसे शादी नही कर सकती ।
रेखा :- ये तुम क्या बोल रही हो बेटा । आदित्य बहोत अच्छा लड़का है और तुमने ही तो इससे शादी करने के लिए मुझे और तुम्हारे पापा को कहा था ।
मोनिका :- हा कहा था । पर मुझे ये पता नही था के ये पहले जैसा था हमेशा वैसा ही रहेगा । फटीचर के फटीचर । ना इसके पास गाड़ी है ना बंगला है और ना ही पैसा । मैं ऐसे कंगाल और फटीचर आदमी से शादी करके अपनी लाईफ बर्बाद नही कर सकती ।
रघुनाथ: - तुम पागल तो नही हो गई । ये तुम क्या बोल
रही हो ? आदित्य के जैसे लड़के से तुम ऐसा कैसे बोल सकती हो ।
आदित्य: - कोई बात नही अंकल बोलने दिजिए । मुझे भी तो पता चले के जिससे मैने अपने जान से भी ज्यादा प्यार किया वो मेरे बारे क्या सोचती है ।
मोनिका :- अब जान गए ना , तो अब जाओ और दोबारा ये फटीचर वाला चेहरा लेकर मेरे सामने मत आना ।
रघुनाथ: - मोनिका । (चिल्लाते हूए ) ।
मोनिका :- पापा । मैं इस कंगाल से शादी नही कर सकती । मैने अपना जिवन साथी चुन लिया है । और वो इसके जैसा कंगाल नही है । करोड़ पती है पापा । ये देखिए । (बेग से एक डायमंड का चेन दिखाती हूई । ) ये 1 करोड़ का है । कभी दैखा है ऐसा चेन । विकी ने मुझे गिफ्ट किया है । माँ पापा विकी बहोत अच्छा लड़का है और बहोत अमीर भी है । वो मुझसे बहोत प्यार करता है पापा । मुझसे शादी भी करना चाहता है । वो आज शाम को आपसे मिलने आएगा ।
डायमंड का चेन दैखकर रघुनाथ के मन मे लालच जाग जाती है । उस का भी मन बदल गया था पर रेखा का मन नही मान रहा था । रेखा मोनिका से कहती है ।
रेखा :- देखो बेटी । पैसा और प्यार मे बहोत फर्क होता है । पैसा सब कुछ नही होता है । जिस घर मे प्यार हो वो घर स्वर्ग है बेटी । और आदित्य जैसा लड़का तुम्हें फिर कभी नही मिलेगी ।
रघुनाथ: - तुम चुप रहो रेखा । जब इसे आदित्य से शादी नही करनी तो फिर क्यों हम इसे जबरदस्ती कराये । जब मोनिका बोल रही है के वो आदित्य से प्यार नही करती तो फिर क्यों ऐसा बोल रही हो ।
रघुनाथ के ऐसा कहने पर सभी हैरान हो जाता है और मोनिका अपने पापा को अपनी तरफ होने से मन ही मन खुश हो जाती है ।
रेखा :- आप भी पैसे के लालच मे आ गए । आप भूल गए ना जब मेरा रिस्ता एक करोड़पति घर मे हो रहा था तब मैं आपसे प्यार करती थी । और मैने पैसे को छोड़कर प्यार को चुना । और सच कहूँ तो मुझे आपसे आज तक कोई सिकायत नही है ।
रघुनाथ: - तुमने जो किया वो किया पर मेरी बेटी वही करेगी जो वो चाहेगी । आदित्य बेटा । मेरी बेटी सही बोल रही है । आज के समय मे पैसा ही सब कुछ है । तुम एक बहोत अच्छे लड़के हो पर तुम मेरी बेटी के लायक नही हो । इसलिए आज के बाद ना ही तुम इससे मिलोगे और ना ही कभी यहां आने की कोशिश करोगे ।
रेखा फिर कुछ कहती तब आदित्य कहता है ।
आदित्य: - कोई बात नही आंटी । आप रहने दो । जबरदस्ती का रिस्ता मैं भी नही चाहता । जब मोनिका को मुझसे प्यार ही नही है तो मैं और कुछ कहना नही चाहता हूँ । ठिक है आंटी मैं चलता हूँ ।
इतना बोलकर आदित्य वहां से चला जाता है ।