Tere Mere Darmiyaan - 8 in Hindi Love Stories by CHIRANJIT TEWARY books and stories PDF | तेरे मेरे दरमियान - 8

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तेरे मेरे दरमियान - 8

आदित्य विकी का कॉलर पकड़ता है और कहता है ।


आदित्य: - बड़ों से और लड़की से बात करने ता तमीज नही है तुम मे । चल मेडम को सॉरी बोल वरना यही गाड़ दूगां तुझे ।



आदित्य के ऐसा कहने पर अशोक और जानवी आदित्य को दैखता ही रहता है । तभी वहां पर भरत कहता है ।



भरत :- आदित्य ये क्या कर रहे हो । तुम जानते नही ये कौन है । ये अगर चाहे तो हमारी कंपनी बंद करा सकता है । विकी इसकी तरफ से मैं आपसे माफी मांगता हूँ और मैं वादा करता हूँ के कल से ये तीनो ऑफिस नही आएगे ।



अशोक :- ये आप क्या कर रहे है ? आप सब जानते हूए भी ऐसा नही कर सकते । 



भरत :- आप अब शांत रहिए अशोक जी । मैं अपनी कंपनी बंद नही करा सकता ।



मोनिका :- इसे तो यही सजा मिलनी थी । अब भुगतो , सज़क पर भिक मागों । 



तभी वहां पर विद्युत तिवारी अपने बड़े बेटे आयान के साथ वहां पर पहूँचता है । विद्युत को दैखकर सभी उसके पास जाने लगता है । तभी मोनिका विकी से कहता है ।



विकी :- इस भिकारी को पार्टी से निकालने का वक्त आ गया है ।



मोनिका के इतना कहने पर विकी विद्युत तिवारी के पास जाता है ।



आदित्य अपने पापा और को दैखकर अपना सर निचे कर लेता है और दुसरी और चला  जाता है । विद्युत और आयान आदित्य को दैखकर हल्की मुस्कान देता है । 



तभी विकी वहां पर पहूँच जाता है । विकी आयान और विद्युत से आदित्य और अशोक की शिकायत करने लगता है ।



आयान :- क्या बात है विकी । तुम इतना परेशान क्यों हो ? और तुम्हारा ये गाल लाल लाल क्यो होके है ।



विकी :- ये सब उस आदित्य के वजह से हूआ है ।



मोनिका :- हां सर । ये सब उस आदित्य ने किया है । देखिए ना कैसे विकी का गाल सुज गया है । हमने उसे नौकरी से निकलवा दिया ।



आयान :- क्या । उसे नौकरी से कौन निकाला ?



भरत :- मैने निकाला सर । उसकी हिम्मत तो देखिए उसने आपके इम्पालाई के उपर हाथ उठाया । तो मैने भी उसो कह दिया के कल से ऑफिस आने की जरुरत नही है । उसकी हिम्मत तो देखिए । आपते एम्पलाई को बेज्जत किया इसका मतलब मेरे को बेज्जत किया ।



तभी वहां पर अशोक आ जाता है और आयान से कहता है ।



अशोक :- ये सब झुट बोल रहा है बेटा । गलती आदित्य की नही है । इस विकी की है जो पहले उसका कॉलर पकड़ा और उसे निचा दिखाया । और सबसे बड़ी गलती इस लड़की की है जो पहले आदित्य की गर्लफ्रेंड हूआ करती थी । पर अब ये इसके साथ होके है । क्योकी ये आदित्य से ज्यादा पैसा कमाता है ।



मोनिका :- हां तो क्या हूआ । मेरी लाईफ है मेरी मर्जी । मैं किसी के साथ भी रहूँ । पर वो भिखारी अब यहां नही रह सकता ।



आदित्य को भीखारी कहने पर आयान को बहोत गुस्सा आता है पर विद्युत आयान का हाथ पकड़ लेता है । इधर कृतिका और रमेश भी आयान से बात करने के लिए जाना चाहता है पर आदित्य कृतिका का हाथ पकड़ लेता है और मना करता है ।



आयान और विद्युत आदित्य के पास जाता है । और उसके साथ साथ बड़े गर्व से विकी , मोनिका , भरत और अशोक भी जाता है ।



आयान :- तो तुम हो आदित्य । जिसने विकी को थप्पड़ मारा ।



आयान को आदित्य से बात करते दैखकर रमेश और कृतिका हल्की मुस्कान देने लगी । क्योकी वो जानते थे के आयान आदित्य का बड़ा भाई है ।



आदित्य: - जी मैने मारा है ।



आयान :- ये जानते हूए भी के कौन है किसका आदमी है ।



आदित्य: - जी । 



आयान :- तुम जानते हो इसका तुम पर क्या असर पड़ सकता है।



कृतिका :- पर भईया । ( कृतिका आयान को भईया कहकर बुलाती है तो सभी हैरान हो जाता है । आयान भी मन ही मन सौचता है के कृतिका उसे सबके सामने भैया क्यों बोल रही ही  । तभी आदित्य कृतिका के कान मे धिरे से कहता है । )



आदित्य: - ये कर रही हो , भैया नही सर बोलो ।



कृतिका :- अम्म । मेरा मतलब है सर । ये जो आपका एम्पलाई है ना इसी ने आके पहले आदित्य का कॉलर पकड़ा और धमकी देने लगा । हम तो अकेले दुसरे जगह पर आपस मे बात कर रहे थे ।  फिर यही हमारे पास आया और आदित्य से बदतमीजी करने लगा । और जब अशोक सर आपके इम्पालाई को समझाने लगा तो इस विकी ने इनका भी कॉलर पकड़ा और बदमिजी की । 



विद्युत: - देखो बेटा । तुम्हें घबराने की कोई बात नही है । एम्पलाई चाहे किसी का भी हो , जो गलत है वो गलत है । 



विद्युत अपने बेटे आयान से विकी के बारे मे पुछता है ।



विद्युत: - आयान ये कौन है ? क्या ये हमारे कंपनी मे काम करता है ?



आयान :- हां पापा । ये हमारे नये प्रोजेक्ट की दैखभाल कर रहा है ।



विद्युत :- देखो विकी तुमसे मैं आज एक बात बोल रहा हूँ उसे हमेशा याद रखना । हमेशा अपने से बड़ो की इज्जत करना और जितना हो सके अपने आप पर काबु रखना ताकी तुम्हारे वजह से कंपनी को और किसी और को तकलीफ नही होनी चाहिए ।



विकी :- पर सर उसने मुझे थप्पड़ ।



विद्युत :- ये तो इसका अच्छाई है जो इसने तुम्हें सिर्फ थप्पड़ मारा । वरना तुमने जो हरकत कि है उसके लिए तो तुम्हें बहोत पिटना चाहिए था । जाओ और जाके अशोक जी और आदित्य से माफी मांगों ।



विकी :- पर सर ....।



विद्युत: - Do as i say .



विद्युत के ऐसा कहने पर सभी हैरान थे और सबसे ज्यादा डर तो भरत को था क्योकी उसने तो उसे नोकरी से भी निकाल दिया था । 



विकी अब भी चुप चाप वहां खड़ा था , और पार्टी मे आए सभी का रिएक्शन दख रहा था । सभी विकी की और दैख रहा था । विकी बहोत शर्मिंदगी महसुस कर रहा था । तभी मोनिका विकी से कहती है ।



मोनिका :- ये क्या कर रहे हो विकी । मांग लो ना माफी । वरना कही विद्युत सर तुम्हें नोकरी से ना निकाल दे । इस आदित्य को तो हम बाद मे भी दैख लेगें । विकी , मांफी मांग लो । 



मोनिका कहने पर विकी गुस्से से आदित्य की और दैखता है और फिर कहता है ।



विकी :- I am sorry . I am sorry अशोक सर । आप दोनो मुझे माफ कर दिजिए । आंईदा से मुझसे ऐसी गलती कभी नही होगी ।



विकी के इतना कहने पर अशोक और आदित्य हल्की मुस्कान देता है और पार्टी मे मौजुद सभी विकी की दैख कर हंसने लगता है । तभी वहीं पर मौजुद भरत विद्युत से कहता है ।



भरत :- सर मुझे भी माफ कर दिजिए मैं उस विकी के बात पर आकर आदित्य और उसके दोस्त को नौकरी से निकाल दिया था । मैं , मैं डर गया था सर के कही आप नाराज ना हो जाओ ।



विद्युत: - मैं जानता हूँ मिस्टर भरत , के आपका कंपनी आज जिस पोजिशन पर है उसमे आदित्य का हाथ है । और आप ऐसे इमानदार और होनहार लड़के को नोकरी से निकाल दिया । ये भी नही सोचा के इसके जाने के बाद आपके कंपनी का क्या हाल होगा ।



मिस्टर भरत कंपनी को किसी के डर से या दबाव मे आकर मत चलाओ । कंपनी को अपने इम्पालाई पर भरोसा और खुद की मेहनत पर चलाओ । तब जाके तुम सफल हो पाओगे । 



भरत :- सॉरी बेटा आदित्य मुझे माफ कर दो । कल से तुम सब ऑफिस आ सकते हो ।