Tere Mere Darmiyaan - 38 in Hindi Love Stories by CHIRANJIT TEWARY books and stories PDF | तेरे मेरे दरमियान - 38

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तेरे मेरे दरमियान - 38

जानवी :- आप कहना क्या चाहते हो पापा ?


अशोक : - बेटी ये सब आदित्य के वजह से हो रहा है । कुछ तो बात है आदित्य मे जो हमे पता नही है । बेटा तुम्हें आदित्य जैसा पति नसीब से मिला है , उसका हमेशा ध्यान रखना , खुश रहो ।


अशोक फोन कट कर देता है । जानवी अशोक के बातो को सुनकर हैरान थी जानवी आदित्य के पास जाती है जहां पर आदित्य बेठ कर कुछ काम कर रहा था , जानवी बड़े गौर से आदित्य की और दैखती है , आदित्य के चेहरे पर बिल्कुल भी टेंशन नही थी । क्योकी कल रात को जानवी ने जो किया उससे जानवी को लगा के आदित्य गुस्सा या टेशंन मे होगा । पर ऐसा कुछ नही था । तभई आदित्य की नजर जानवी पर जाता है तो आदित्य बड़े प्यार से जानवी से पूछता है ।



आदित्य :- अरे जानवी तुम यहां , कुछ काम था क्या ।


जानवी :- आदित्य वो कल रात ।


जानवी की बात को बिच मे ही काट कर आदित्य कहता है ---


आदित्य: - टेशंन मत लो मैने लॉयर से बात कर ली है , उन्होने कहा के सब तैयार करके ला देगा, पर थोड़ा समय लगेगा । वो क्या है ना , नई नई शादी है तो Divorce मे थोड़ा समय लग जाएगा । पर तुम टेंशन मत लो मैं सब जल्दी करने की कोशिश करुगां ।


तभी वहां पर लॉयर आ जाता है , आदित्य कहता है --


आदित्य :- अरे अंकल आप , आईए , आईए ।

लॉयर :- ये डिवोर्स के कागजात है इसमे तुम दोनो साईन कर दो ।


आदित्य और जानवी दोनो ही साईन कर देता है । तब लॉयर कहता है --


लॉयर :- तुम दोनो ने अच्छे से सोच लिया है ना ?

आदित्य :- हां अंकल , हम दोनो ने सौचकर ही ये डिसीजन लिया है ।
लॉयर :- पर बेटा ऐसा क्या हो गया के शादी के 2 दिन बाद ही तुम लोगो डिवोर्स चाहिए । कुछ समय तो दे सकते हो ना एक दुसरे को ।

आदित्य :- नही अकल आप आगे का प्रॉसेस सुरु कर दिजिये ।


लॉयर :- ठिक है , इसे मैं आज ही सबमिट कर दूगां और फिर कोर्ट मे पेसी होगा तब आना होगा ।

आदित्य: - ठिक है अंकल ।

लॉयर वहां से चला जाता है ।

चलो ये एक काम तो हो गया , अब बस कोर्ट से डेट मिल जाएगा और फिर तुम आजाद । इतना बोलकर आदित्य वहां से उठ जाता है और कहता है ---


आदित्य :- जानवी मुझे कुछ काम है , मैं बाहर जा रहा हूँ , क्या तुम्हें कही जाना है ।  



जानवी ना मे अपना सर हिला देती है । तो आदित्य वहां से चला जाता है ।



आदित्य मॉल मे अपने दोस्त कृतिका और रमेश से मिलता है जहां पर रश्मी भी रहती है , रश्मी को दैखकर आदित्य कहता है------


आदित्य : - रश्मी तुम यहां ?


रमेश :- आदित्य वो मैं क्या सौच रहा था , रश्मी को भी यही रख लेते है ना , इसको नौकरी भी मिल जाएगी और मुझे इसके साथ रहने का मौका भी ।

कृतिका :- अच्छा , तो इसिलिए तुने इसे बुलाया है , बहोत चालाक रे तु एक ही जगह मे काम ताकि दोनो को अलग ना होना पड़े और ऊपर से पैसा भी । वाह रे वाह ।


रमेश: - तु (मोनिका) चुप कर ना , आदित्य यार ...



आदित्य: - अरे इसमे पूछने वाली क्या बात है वैसे भी एक की तो जरूरत थी ही ।


आदित्य की बात को सुनकर रमेश और रश्मी खुश हो जाती है , तब आदित्य फिर कहता है ---

आदित्य :- पर एक बात का ध्यान रखना , यहां पर काम मे ध्यान देना कही दोनो यही पर सुरु मत हो जाना ।


आदित्य की बात पर सभी हसने लगता है । तभी कृतिका कहती है --


कृतिका :- अरे आदित्य, तुम बताओ , कल तुमने क्या किया । जानवी ने क्या किया ।


आदित्य :- जानवी ने , उसने मुझसे कहा के वो विकास से प्यार करती है और मुझसे Divorce मागां ।

आदित्य की बात को सुनकर सब एक दम से चुप हो गए थे ।


कृतिका कहती है ---

कृतिका :- ये तु क्या बोल रहा है आदित्य । 


आदित्य :- हां यार ये सच है , पर तुम लोग क्यों टेंशन ले रहे हो । अरे जो होगा दैखा जाएगा ।

कृतिका :- तो फिर तुमने क्या कहा ।


आदित्य :- क्या कहता यार मैं । मैने हां बोल दिया, पर थोड़ा समय लगेगा ।

रमेश :- जानवी से हम सब बात करेगें , उसे बताएगें के तु कौन है ।

आदित्य: - नही यार , तुम लोग उसे कुछ नही कहोगे । और उसे ये पता नही चलने दोगे के तुम लोगो को इस बारे मे पता है ।

आदित्य की बात को सुनकर सभी मायुस थे । तभी आदित्य कहता है ------

आदित्य: - अरे Common यार छोड़ ना , जो होना था हो गया । चल ना कुछ खाते है ।


इतना बोलकर सभी वहां से चला जाता है । वो लोग एक रेस्टुरेंट पर जाता है और खाना ऑडर करता है ।

कृतिका : - यहां का खाना बहोत अच्छा है ।

रमेश :- हां पता है और इतना खा - खा के ही तु इतनी मोटी होती जा रही है ।

कृतिका :- मेरे फिटनेस के बारे मे कुछ मत बोल समझा । तु अपना दैख तेरा भी तो पेट निकल के बाहर आ गया है ।


कृतिका की बात रश्मि और बाकी सभी हसने लगते है । तभी वहां पर जानवी और विकास दोनो आता है , जिसे दैखकर आदित्य चुप हो जाता है , कृतिका और रमेश जानवी को विकास के साथ दैखकर हैरान थी पर आदित्य एक दम चुप होकर नॉर्मल बैठा था ।



जानवी आदित्य और उसके दोस्त को वहां पर दैख कर चोंक जाती है । तभी कृतिका जानवी के पास जाती है और कहती है ----


कृतिका :- जानवी तुम यहां , वो भी विकास के साथ ।


जानवी कुछ जवाब नही देती , तो कृतिका फिर कहती है ---


कृतिका :- जानवी तुम्हारी शादी आदित्य से हूआ है और अगर तुम्हें जाना भी होगा तो तुम आदित्य के साथ जाओगी , ऐसी किसी गैर के साथ जाना अच्छा नही है ।


जानवी :- विकास गैर नही है , और For your kind information. हम दोनो एक दुसरे से प्यार करते है , तो मैं क्या कर रही हूँ , किसके साथ जा रही हूँ । उससे तुम्हारा कोई मतलब नही है , इसिलिए दिस काम के लिए आए हो वो करो । 


कृतिका: - जानवी ये तुम कैसी बात ....


जानवी कृतिका की बात को बिच मे काट कर ही कहती है ---


जानवी :- मैं ऐसे ही बात करती हूँ । 


इतना बोलकर जानवी आदित्य को दिखाने के लिए विकास के बाजु को पकड़कर वही पास पर ही एक टेबल पर बैठ जाती है , आदित्य अब भी बिना कोई react किये चुप चाप वही पर बैठा था ।


कृतिका आदित्य के पास जाती है और कहती है ---


आदित्य: - ये क्या आदित्य , जानवी तुम्हारे सामने ही अपने बॉयफ्रेंड के साथ यहां पर है , वो तुम्हारे साथ ऐसा कैसे कर सकती है ।


आदित्य :- छोड़ो ना , जब हमारे बिच पति पत्नी जैसा कुछ है ही नही तो वो क्या करती है किसके साथ जाती है इससे मुझे कोई फर्क नही पड़ता ।



कृतिका :- पर आदित्य ....!


आदित्य कृतिका से कहता है ----

आदित्य :- कुछ नही , शांत रहो ।

To be continue....239


Note :- Hi friends . mere sabhi readers ko bahot bahot dhanyavad , mujhe follow karle taki meri aane wali story bhi aap sab ke pass pahuch sake , or haan agar koi bhi suggestion ya kuch bolna ho to please mujhe messages kariye , comments kariye .