पूनम :- अच्छा ठिक है पर आज हम सब यही रुकने वाले है और कल खाना खा के जाउगीं ।
आदित्य :- पर माँ मैं जानवी को क्या बताउगां ।
पूनम :- तु उसकी चितां मत कर हम सब तैयारी करके आए है तु ये बता जानवी कहां है ?
आदित्य :- एक मिनट मैं दैखकर आता हूँ ।
आदित्य जानवी के पास जाता है और उससे कहता है --
आदित्य : - जानवी , वो विद्युत तिवारी और उनके फैमिली आए है ।
जानवी ये सुनकर थोड़ी सी हैरान होती है पर जानवी वहां पर आ जाती है ।
जानवी सबके पैर छुती है तो पूनम कहती है --
पूनम :- खुश रहो बेटा ।
जानवी :- सर , मेडम आपलोग इस वक्त यहां पर ।
पूनम :- क्यों बेटा हमारा यहां आना तुम्हें पंसद नही आया ?
जानवी :- नही मेम वो ।
पूनम :- मेम नही बेटा , आंटी बोलो और इन्हें सर नही
अंकल बोलो , हम दोनो भी तो तुम्हारे माता पिता के समान ही है ना बेटा ।
जानवी :- जी जी मेम ... अ आंटी ।
पूनम :- दरअसल हमारा वो कार खराब हो गयी थी और अभी मेकेनिक को बुलाया है तक हमने सोचा के तुम्हारे पास ही रुक जाए।
आदित्य :- ये आपने बहोत अच्छा किया आंटी , मैं तो चाहता हूँ के आज आप सब यही रुको । वो मेरा यहां कोई नही है ना तो आज आपलोग यहां रहेंगे तो लगेगा जैसे मेरा परिवार मेरे साथ है ।
आदित्य की बात को सुनकर विद्युत कहता है ।
विद्युत: - अगर ऐसी बात है तो कोई बात हम सब रुक जाते है । तुम भी मेरे बेटे जैसे ही हो ।
जानवी एक दम से सॉक्ड थी , जानवी मन ही मन सोचती है
जानवी :- भारत का सबसे अमीर आदमी जिससे साथ लोग मिलने के लिए तरते थे , मैं भी उनसे कई बार मिलने की कोशिश की थी पर कभी मिल नही पायी थी पर आज वही आदमी यहां पर रुकने को तैयार है , वो भी एक मामुली सा इंसान के लिए । आखिर ये आदित्य से इनका क्या रिस्ता है ।
तभी कृतिका कहती है ----
अब रात बहोत हो गई है तो मैं सबके लिए डिनर रेडी करती हूँ , सब मिलकर एक साथ खाना खायेंगे ।
कृतिका इतना बोलकर टेबल पर खाना लगाने लग जाती है । सभी टेबल पर बैठकर खाना खाने लग जाते है ।
खाना खाने के बाद सभी एक जगह पर बैठे थे तभी पूनम कृतिका को इशारे मे कहती है के जानवी को कमरे मे लेकर आजो । जानवी समझ जाती के आज दोनो का सुहागरात है तो कृतिका जानवी से कहती है----
कृतिका :- जानवी चलो ।
जानवी: - कहां , सब यही बैठे है तो मैं भी ।
जानवी चाहती थी के वो कुछ दैर तिवारी फैमिली के साथ रहेगी तो अपने कंपनी के बात छेड़ेगी , पर कृतिका के कहने पर वो थोड़ा डिस्टर्ब हो जाती है तभी पूनम कहती है ---
पूनम :- बेटा जानवी , रात हो गई है और तुम थक भी गई होगी जाओ जाके सो जाओ ।
जानवी :- पर आंटी आप सब ।
पूनम :- तुम हम लोगो की चितां मत करो , हम सब ठिक है तुम जाओ और कुछ बात अगर करनी हो तो हम सब सुबह तक है ।
पूनम से इतना सुनकर जानवी वहां से कृतिका के साथ चली जाती है । कृतिका जानवी से कहती है ---
कृतिका :- जानवी आज तो तुम्हारा सुहागरात है ना , इसिलिए मैं तुम्हें यहां पर ले कर आई । आज तुम दोनो का स्पेशल रात है । तुम यही रुको मैंं आदित्य को भेजती हूँ ।
कृतिका जानवी को कमरे मे बेठा कर वहां चली जाती है ।
कृतिका की बात जानवी को बहोत गुस्सा आ रहा था जानवी कहती है ----
जानवी : - सुहागरात My foot. बेवकुफ लड़की , इस कृतिका की वजह से आज मैं तिवारी फेमिली से बात नही कर पाई, इतना अच्छा मौका तू कैसे गवां सकती है जानवी । Oh god . पता नही मुझे ऐसा मौका फिर मिलेगा या नही । नही नही मैं इतना अच्छा मौका को अपने हाथ से. जाने नही दे सकती । मुझे जाना होगा ।
जानवी बाहर जाने ही वाली होती है के तभी वहां पर आदित्य आ जाता है आदित्य को दैखकर जानवी मन ही मन सौचता है --
जानवी :- Oh God . इसे भी अभी आना था । अब मैं क्या करु , क्या करु ।
आदित्य जानवी को परेशान दैखकर कहता है -----
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आदित्य :- जानवी , क्या बात है , तुम परेशान लग रही हो ।
जानवी गुस्से से कहती है ----
जानवी :- परेशान नही गुस्सा आ रहा है ।
आदित्य: - गुस्सा, पर क्यों ?
जानवी :- और नही तो क्या , हमारे घर मे विद्युत तिवारी और उनके फैमिली आए है , जिनसे लोग मिलने के लिए तरसते है , वो हमारे घर खुद चल कर आए है ।
आदित्य :- हां तो !
जानवी :- तो , मैं उनसे अपने कंपनी के बारे मे बात करना चाहती थी । अगर एक बार उन्होने मेरी कंपनी को सपोर्ट कर दिया , तो मेरी कंपनी बाकीयों को पछाड़कर सबसे आगे होगी ।
आदित्य :- हां तो अच्छी बात है , तुम जाके बात कर लेना ।
जानवी :- बात करने दोगे तब ना ।
आदित्य हैरानी से कहता है ---
आदित्य :- हां करो ना मैने कब मना किया है ।
जानवी :- तो फिर ये सब क्या है , मैं वहां पर बैठी थी और वो कृतिका , वो मुझे यहां पर लेकर आ गयी ।
आदित्य :- इसमे कृतिका की क्या गलती है । तुम टेंशन मत लो , सुबह बात कर लेना । आओ बेठो ।
आदित्य जानवी के बाजु को पकड़कर उसे बेड पर बेठा रहा था के जानवी आदित्य का हाथ छुड़ाते हूए कहती है ---
जानवी :- तुमने मुझे छुआ कैसे ।
आदित्य जानवी की बात को सुनकर हैरान था , आदित्य हैरानी से कहता है ----
आदित्य :- क्या , क्या कहा तुमने ।
जानवी :- देखो आदित्य, ये जो कुछ भी हूआ , ये शादी वादी ये सब तो ठीक है , पर तुम ये मत समझना के तुम मुझे छु सकते हो । मैने इसका परमिशन तुम्हें नही दिया है ।
आदित्य :- छुने का परमिशन ! जानवी तुम मेरी पत्नी हो , तुम पर हक है मेरा ।
जानवी :- नही मैं तुम्हारी पत्नी नही हूँ , तुम्हारा मुझ पर कोई हक नही है ।
आदित्य जानवी की और बड़ता है । तो जानवी अपना कदम पिछे कर लेती है और कहती है -----
जानवी :- देखो मेरे पास मत आओ । वरना मैं चिल्लाउगी ।
आदित्य वही रुक जाता है और कहता है ----
आदित्य: - अच्छा ठिक है , शांत रहो , यहां आओ बेठो मुझे खुलके बताओ के बात क्या है ।
जानवी :- बात यही है के मेैं तुमसे प्यार नही करती , मैं विकास ये प्यार से करती हूँ ।
आदित्य: - विकास से , तो फिर तुमने मुझसे शादी क्यों की ।
जानवी :- ताकि अपने पापा से छुटकारा पा सकु ।
आदित्य :- पापा से छुटकारा ?
जानवी :- हां , मैं विकास से शादी करना चाहती थी पर मेरे पापा उससे शादी करने नही दे रहै थे और अगर मैं जबरदस्ती करती तो वो अपनी जान दे देते । इसिलिए मैने ये शादी किया ।
आदित्य: - ये बात तुमने मुझे पहले क्यों बताई ।
जानवी :- क्या तुमने कभी जानने की कोशिश की ? तुम्हें तो सारी बाते पता था ना ।
आदित्य :- हां पर मुझे लगा था के जैसे मोनिका ने मेरा साथ किया , वैसे ही विकास ने तुम्हारे साथ किसा होगा । और इसलिए तुम शादी के लिए तैयार हो गई ।
जानवी :- हमारा प्यार तुमलोगो के जैसा नही है । जो पैसा और पावर दैखकर करे । वो मुझसे सच्चा प्यार करता है और मैं भी उससे ।
आदित्य :- अच्छा ठिक है । ( दो कदम आगे बड़ता है )
जानवी :- देखो , मुझसे दूर रहो । तुम भी तो मोनिका से प्यार करतो हो , इतनी जल्दी भूल गए उसे । क्या उसके लिए तुम्हारे दिल मे प्यार मर गया । जो तुम मेरे साथ वो सब करने आ गए ।
आदित्य: - जानवी ऐसी बात नही है , हमारी शादी हो चुकी है तो इसमे अब मोनिका का कोई रोल नही है । और हां मैं तुम्हारे साथ यहां पर वो सब करने के लिए नही आया था । आज हमारी सुहागरात है तो तुम्हें कही बुरा ना लगे इसलिए मैं यहां पर आया था ।
Note - Dhanyavad ❤️antima ji apko meri story achi lag rhi hai , mei kosis karunga ke story ko or behtar banau . Or bhi mere pyare raders hai jo mujhe pyar de rhe hai unhe mei dhanyavad karna chahta hu . VAISHNAVI SUKLA JI , ANTIMA JI , JAYSHREE S HADSNI JI , VANDITA MISHRA JI , ATUL SINGH JI , JYOTI JI , DIVYA JI , ANU JI , AMI MALHOTRA JI , SANDHYA SINGH JI , KOMAL PATHANIA JI OR JD KATARIYA JI , aap sab ne comment or like karke bahot de rhe hai ❤️, jiske liye mei aap sabka aabhari hu . or bhi mere pyare reader jinka naam to mei nhi janta , unhe bhi bahot bahot dhanyavad , aise he pyar or comment t karte rahiye , aap chaho to aap mujhe messages bhi kar sakte ho , agar apko koi suggestion dena ho to . Dhanyavad ❤️🙏