Tere Mere Darmiyaan - 35 in Hindi Love Stories by CHIRANJIT TEWARY books and stories PDF | तेरे मेरे दरमियान - 35

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तेरे मेरे दरमियान - 35

अशोक :- अब अंकल नही , पापा बोलो दामाद जी ।

आदित्य :- जी पापा , आईए बेठिए ना ।
अपने पापा को दैखकर जानवी भी उठ जाती है तो

अशोक कहता है --


अशोक :- अरे बेटा तुम क्यो उठ रही हो , दामाद जी इतने प्यार से तेरे लिए नास्ता बनाया है , इसे बिना खाये मत उठना ।



जानवी अपने के पापा के बात को सुनकर वही बैठ जाती है । और खाने लगती है , जानवी को खाना बहोत ही स्वादिष्ट लगता है । और मजे लेकर खाने लगती है दिसे दैखकर अशोक खुश हो रहा था । खाते खाते जानवी के गले मे खाना अटक जाता है , जिससे


अशोक कहता है ---


अशोक :- बेटी आराम से खाओ । खाना बहोत टेस्टी बना है क्या बेटी । 


जानवी आदित्य की और दैखती और फिर चुप चाप खाने लगती है ।



उधर मोनिका को अब होश आने लगता है मोनिका अपना सर को पकड़ती है और उठ जाती है , मोनिका दैखती है के वो अपने घर मे नही बल्की कही और थी , मोनिका अपने सर पर हाथ रखता है और कहती है ---



मोनिका : - पता नही कल मुझे क्या हो गया था , क्या पी लिया मैने , मेरा सर इतना भारी क्यों लग रही है ?
मोनिका बेड से निचे उतरने जाती है से तभी वो दैखती है उसने कपड़े नही पहने थे , मोनिका अपने शरीऱ को दैखती है के उसने एक भी कपड़े नही पहनी थी ,



मोनिका हैरान हो जाती है तभी मोनिका बेड पर दैखती है तो बगल मे विक्की सोया था । मोनिका समझ जाती है के विक्की ने नशे का फायदा उठाकर उसके साथ वो सब कर लिया है । मोनिका बहोत घबरा जाती है ।


तभी विक्की उठता है और मोनिका को दैखकर कहता है ---



विक्की :- गुड मॉर्निंग बेबी ।



मोनिका कुछ नही बोलती । तो विक्की कहता है ---



विक्की :- क्या बात है डार्लिंग, सब ठिक तो है । कल रात को तो तुमने पागल ही कर दिया था । इतना जोश कहा से आ गया था तुममे ।



मोनिका विक्की की बात को सुनकर बहोत पछता रही थी । वो जानती थी उससे बहोत बड़ी गलती हो गई थी । 


पर अब पछताने से क्या फायदा , मोनिका विक्की सो कहती है ---



मोनिका : - विक्की ये तुमने क्या किया , मैने पी रखी थी ठिक है पर तुमने तो नही पिया था ना , तुम तो होश मे थे । फिर तुमने ऐसा क्यों किया ?



विक्की :- O Common baby . ऐसा भी क्या हो गया हो जो तुम इतना Over react कर रही हो ।



मोनिका :- ( गुस्से से ) मैं Over react कर रहा हूँ ? विक्की तुम जानते हो के तुमने क्या किया है , तुमने जान बुझकर मेरे नशे मे होने का फायदा उठाया । तुम. . तुम ऐसा कैसे कर सकते हो । मैंने तुम पर भरोसा क्या और तुमने , तुमने मेरा फायदा उठाया ।



विक्की अपने कपड़े पहनते हूए कहता है --



विक्की :- हां उठाया फायदा , तो क्या गलत किया , तुम और मैं एक दुसरे से प्यार करते है , तो इसमे गलत क्या है , वैसे भी शादी के बाद तो ये सब करेगें ही ना ।



मोनिका :- विक्की शादी के करने मे और अभी मे बहोत फर्क है ।



विक्की :- O common मोनिका , ये गांव के गंवारो जैसे बाते मत करो ।



मोनिका: - गांव के गवार ... विक्की तुमने मुझे गांव के गवांर कहा।



विक्की :- दैखो सुबह सुबह मेरे दिमाग खराब मत करो मुझे कुछ काम है मैं निकलता हूँ ।


विक्की वहां से इतना बोलकर निकल जाता है , मोनिका विक्की को पुकारती है ---



मोनिका :- विक्की , विक्की ..!



विक्की मोनिका के बात को अनसुना करते हूए वहां चला जाता है । मोनिका अपने सर पकड़ कर रात के बारे मे सौच कर बहोत पछता रही थी । 



मोनिका :- ये मुझसे क्या हो गया ।



इधर शाम हो चुकी थी , रमेश , रश्मी और कृतिका आदित्य और जानवी का कमरा सजा रहा था । रमेश बेड पर फूल डालते हूए कभी - कभी फूल रश्मी के ऊपर डाल दे रहा था जिससे रश्मी सरमाने लगती है , कृतिका ये सब दैखकर हल्की मुस्कान देकर अपना काम कर रही थी । पर वो अकेली सब कुछ कर रही थी , रमेश और रश्मी बस एक दुसरे को दैखकर सरमा रही थी । तभी कृतिका रमेश से कहती है ---


कृतिका :- तुम लोगो का हो गया तो कुछ काम कर ले । जल्दी करो रमेश बहोत समय हो गया है । तुम लोगो के लिए इस मूमेंट का अभी टाईम है । अभी इधर का काम खतम करना है । रमेश और रश्मी भी कृतिका का साथ देने लगी । 



ईधर जानवी आदित्य के घर को घुम कर दैख रही थी । घर बहोत ही शानदार था । जानवी के घर से भी बड़ा और खुबसूरत । जानवी ये सब दैखकर हैरान थी और मन ही मन सौच रही थी --



जानवी :- ये इतना बड़ा घर ,क्या ये आदित्य का है या वो मुरी कम्फर्ट के लिए ये घर रेंट पे लिया है । जो मेरे घर से भी बड़ा है । पता नही ये आदित्य क्या करता रहता है ।



तभी वहां पर पूनम , अनय और विद्युत आ जाता है । आदित्य , रमेश , रश्मी और कृतिका उन सबको यहां पर दैखकर बहोत खुश थे। आदित्य अपने बड़े भाई अनय से पूछता है । 



आदित्य :- ये क्या भईया , आप इन सबको यहां पर क्यो लेकर आ गये ।



अनय :- इन्हों कहा तो मैं लेकर आ गया , इसमे मैं क्या करता ।



दोनो को खुसुर फुसुर करते दैख विद्युत मजाक मे आदित्य से कहता है ---



विद्युत :- लगता है , हमारा आना यहां पर किसीको पंसद नही आया। चलो भई अब यहां रुकने का क्या फायदा ।



आदित्य :- अरे नही पापा रुकिए । ऐसी कोई बात नही है , मैं वो जानवी के लिए कह रहा था , उसे अभी तक पता ही नही है के मैं कौन हूँ ।



पूनम :- ये तो तुम्हारी प्रॉल्बम है , तुने ही 5 साल मांगे थे पर शर्त मे ये नही था के तु अगर शादी करले तो हमे बहू से मिलने नही देगा । तुम्हारी वजह से हम अपने बहू से क्यों दूर रहे , इसिलिए हम सब यहां पर आ गए । 



आदित्य :- यहां आ गए मतलब ।



पूरम :- मतलब हम अपनी बहू के साथ रहने आए है ।
आदित्य :- क्या , नही नही माँ , आप ऐसा नही कर सकते । 


पूनम :- मैंने ऐसा कर दिया है । 




आदित्य :- माँ बस एक साल की ही तो बात है । 


पूनम :- तेरे से दुर रही ये क्या कम है जो मुझे मेरे बहू से भी अलग कर रहे हो ।


आदित्य :- पर माँ ।



विद्युत :- ( हसते हूए ) :- अरे बेटा हम मजाक कर रह है । वो तेरी आज शादी हूई है तो नई बहू घर पर आई है , इसिलिए रहा नही गया । तो तुझसे और बहू से मिलने आ गया । 



अनय : - आदि सबको मन करता है जब घर मे कोई नया होता है तो सबको अच्छा लगता है , मां और पापा यहां पर आ गये ।



आदित्य :- सॉरी पापा , सॉरी माँ । मैं जानता हूँ के मेरे इस 4 सालो मे आपलोगो को बहोत दुख हूआ होगा । पर मां मुझे जो करना था वो मैने कर दिया , और बस एक साल उसके बाद मैं जानवी को खूद सब बता दूगां । 


पूनम कहती है --



पूनम :- अच्छा ठिक है पर आज हम सब यही रुकने वाले है और कल खाना खा के जाउगीं ।


मैं आपलोगो के कॉमेंट का रिप्लाई नही कर पा रहा हूँ , Antima जी ने मुझे कहा था के दो एपिसोड अपलोड करु , पर ये अलाउ नही करते है , आपसे माफी चाहूंगा Antima ji ,  मैंं कुछ शब्द और ज्यादा आपके लिए जोड़कर अपलोड कर रहा  हूँ ।

मेरे पाठको को बहोत - बहोत धन्यवाद के आप मेरा लेख को पंसद कर रहे हो , ऐसी लाईक कॉमेंट और फोलो करते रहिए , मैं आपके कॉमेंट का जवाब जरुर दूगां । Muskan bohra ji  आपको भी बहोत - बहोत धन्यवाद ।

To be continue.....208