Dhun ishq ki.... Par dard bhari - 46 in Hindi Love Stories by Arpita Bhatt books and stories PDF | धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 46

Featured Books
Categories
Share

धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 46

साहिल, मीनाक्षी को गार्ड्स की मदद से, मीडिया से बचाकर सुरक्षित गाड़ी तक पहुंचा देता है, और उसके बाद वो वहां से वापस अपनी जगह चली जाती है। जिसके बारे में किसी को भी नही पता होता है, सिवाय साहिल और सिमरन के! इसलिए साहिल और सिमरन ने मीनाक्षी के बारे में किसी को भी नही बताया था। उसके बाद साहिल वापस से हॉल में आ जाता है, तो देखता है कि किरण अब भी घुटनों के बल बैठी हुई रो रही है और सुहाना जी उसे चुप करवाने की और संभालने की कोशिश कर रही है। साहिल आकर सिमरन को बोलता है कि;

साहिल - सिमरन, अब वक्त आ गया है कि तुम दुनिया को अपना सच बता दो! सिमरन कुछ नही बोलती है और साहिल को आंखों से हां का इशारा कर देती है। 

सिमरन - जैसा कि आप सभी को मैने कहा था कि मैं आप सभी के सारे सवालों का जवाब दूंगी, तो अब आप सब तैयार हो जाइए! आप यही सोच रहे होंगे ना कि मैं आचार्य परिवार में इतनी दिलचस्पी क्यों ले रही हुं? कोई कुछ नही बोलता है लेकिन सभी के चेहरे के एक्सप्रेशन बता रहे थे कि वो उत्सुकता से जानना चाहते थे। आखिर वो सभी रुके हुए भी तो इसलिए थे! तभी ईशान, सिमरन के पास आता है और उसके कंधे पर हाथ रखकर बोलता है कि;

ईशान - क्योंकि यह कोई और नही, बल्कि मेरी बड़ी बहन है, आचार्य परिवार की सबसे बड़ी बेटी! यह सुनते ही सुहाना जी और राजीव जी की आंखें बड़ी हो जाती है। ईशान ने सिमरन की पहचान बता दी थी सभी को, जो इस वक्त तो बिल्कुल भी सही नही था! फिर राजीव जी के उम्र के कुछ लोग उनसे पूछते है कि, क्या ईशान सही कह रहा है? आप जवाब दीजिए! आपकी बेटी तो विदेश गई हुई थी ना, फिर क्या हुआ? एक और शख्स ने कहा। 

राजीव जी के पास अब कोई जवाब नही बचा हुआ था। वो तो वैसे भी टूटे हुए थे, और अब तो और भी इज्जत उछल गई थी उनकी सभी के सामने, तो उनकी आंखें भी शर्म से नीचे हो गई। तभी सुहाना जी उठकर सिमरन के पास आते है, और बोलते है कि;

सुहाना जी - अच्छा, तो यह सब तुमने इसलिए किया ना ताकि हम सभी को दुख पहुंचा सको, बोलो सिमरन? पर इस बार सुहाना जी की आवाज में गुस्सा नही, बल्कि ग्लानि सी थी!

सिमरन - जैसा आप समझो मिसेज आचार्य! सिमरन ने बोला तो सुहाना जी शॉक्ड हो गए, क्योंकि उन्होंने सिमरन के मुंह से पहली बार मम्मी के अलावा कुछ और सुना था, इससे उन्हे और भी दिल में बुरा लगता है और वो बोलती है कि;

सुहाना जी - बेटा, हमे माफ कर दो! हमने आज जब खुद तकलीफ देखी है, तब जाकर जाना है कि तुम्हे उस समय कितना बुरा लगा होगा! 

किरण नीचे बैठी हुई सब कुछ सुन रही थी, पर उसके मन में क्या चल रहा था, यह तो सिर्फ वही जानती है। तभी राजीव जी भी बोलते है कि;

राजीव जी - बेटा सिमरन, हमे माफ कर दो प्लीज! हम विपिन की बातों में आ गए थे, इसलिए हमने ऐसा किया! तुम भी जानती हो कि उसने किस तरह हमे अपनी बातों में फंसाया था। 

तभी ईशान बोलता है कि;

ईशान - वाह पापा, आप भी कमाल करते हो! क्या बचपन से विपिन ने सिखाया आपको, कि कैसे अपनी ही बेटी के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार करना है? यह सुनकर राजीव जी के पास कोई जवाब नही रहता है, और वो चुप हो जाते है। बस सुहाना जी और राजीव जी, दोनो की आंखें नम थी। उनके मन में बहुत कुछ चल रहा होता है लेकिन वो उस वक्त सिमरन को नही बताना चाह रहे होते है। 

फिर सिमरन, मीडिया की तरफ देखकर बोलती है कि;

सिमरन - आज मैने अपने परिवार के बारे में बताया जरूर है, लेकिन आज ही मैं, एक और जानकारी देने वाली हुं, और वो यह है कि आज से मेरा इस परिवार से कोई रिश्ता नही है। आप सभी इसका कारण मुझसे नही, बल्कि मेरे परिवार से ही पूछिएगा! आज से मेरा सिर्फ एक भाई है, मेरा ईशान! और सिमरन, ईशान के सिर पर हाथ रखती है। सुहाना जी और राजीव जी समझ गए थे कि ईशान को कबसे सब कुछ पता था, इसलिए उसका व्यवहार बदल गया था।  सब बोले जा रहे थे, लेकिन किरण अब तक कुछ नही बोली थी। तभी सिमरन, किरण के पास जाती है और बोलती है कि;

सिमरन - आज शायद तुम्हे पता चले किरण, कि वो तकलीफ क्या होती है, जब कोई अपना धोखा देता है? आज तुम्हारी यह हालत देखकर तरस जरूर आ रहा है, लेकिन बुरा नही लग रहा है! क्योंकि तुम यही डिजर्व करती हो! धोखे तक की बात अलग थी किरण, लेकिन तुमने मुझे मारने की कोशिश करी! इतनी नफरत अगर दिल में पालोगी, तो सामने से तुम्हे कभी प्यार मिल ही नही सकता है। यह सुनकर भी किरण बस बैठी रहती है। उसके बाद सिमरन, साहिल और तानिया बाहर निकल जाते है। उनके साथ ही ईशान, नक्ष और पूजा भी निकल जाते है। बाहर जाते ही सिमरन और साहिल को मीडिया के लोग घेर लेते है। पर अब साहिल और सिमरन पूरी तरह तैयार थे, उनके सवालों के लिए!

रिपोर्टर - साहिल सर, क्या आपको पता था कि आपकी वाइफ, यानि कि सिमरन मेहता, आचार्य परिवार से है?

रिपोर्टर - सिमरन मैम, आपने अपने परिवार की पहचान बताकर अचानक से रिश्ता क्यों तोड़ दिया है, क्या आपको अपने परिवार से प्यार नही है? 

साहिल - मेरी वाइफ के बारे में मुझे क्या पता होना चाहिए और क्या नही, वो मैं आप सभी से अच्छा जानता हुं, अगला सवाल? 

सिमरन - यह मैने पहले ही कह दिया है कि इस बात का जवाब आपको आचार्य परिवार से मिलेगा, इसके अलावा कोई और सवाल कीजिए! 

रिपोर्टर - सिमरन मैम, आपको मिस्टर विपिन के बारे में कैसे पता चला कि वो अच्छे इंसान नही है? और अगर आप अपने परिवार को अपना नही मानती है तो आपने क्यों उनकी इतनी बड़ी मदद करी? 

सिमरन - इंसानियत नाम की चीज इस दुनिया में अब तक जिंदा है। मैं नही चाहती थी कि विपिन जैसा इंसान अब किसी और कि जिंदगी भी ऐसे ही खराब करे, इसलिए मैने उसका सच सबके सामने लाना ठीक समझा! 

रिपोर्टर - सिमरन मैम, जब आपकी खुद की फैमिली का प्रोडक्शन हाउस है, तो आपने मेहता प्रोडक्शन हाउस से डेब्यू करना क्यों सही समझा?

सिमरन - मेहता प्रोडक्शन हाउस भी तो मेरे घर का ही है, उसने हंसते हुए जवाब दिया तो साहिल भी उसका जवाब सुनकर खुश हो गया। ऐसे ही कुछ और सवालों के जवाब देकर साहिल और सिमरन वहां से कार में चले जाते है। इधर ईशान बाहर निकलता है और नक्ष और पूजा को जाने को बोल देता है। तभी वो देखता है कि तानिया अपनी गाड़ी के बाहर खड़ी हुई है। तो ईशान उसे ऐसे देखकर उसके पास जाता है और बोलता है कि;

ईशान - आज क्या यही रुकने का इरादा है, मैडम?

तानिया - हम तुम्हारा ही इंतजार कर रहे थे, ईशान! तुम ठीक हो ना?तानिया के चेहरे पर चिंता साफ दिखाई दे रही थी। 

ईशान - मैं ठीक हुं, अब आप जाइए यहां से, वरना कही मीडिया वाले आपको अपने सवालों का शिकार न बना ले! उसने हंसते हुए कहा। पर तानिया फिर भी वही खड़ी रहती है।

क्रमश :